नयी दिल्ली, 12 सितंबर (वार्ता) सब्जियों और दालों की कीमतों में नरमी से इस साल जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति सालाना आधार पर 2.07 प्रतिशत पर और खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से 0.69 प्रतिशत नीचे रही।
इस साल जुलाई की तुलना में मुद्रास्फीति बढ़ी है, लेकिन यह पूरी तरह नियंत्रण में है। जुलाई 2025 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 1.61 प्रतिशत और खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से 1.76 प्रतिशत नीचे रही थी। पिछले साल अगस्त में ये क्रमशः 3.65 प्रतिशत और 5.66 प्रतिशत पर रही थीं।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, एक साल पहले के मुकाबले अगस्त में सब्जियों की कीमत 15.92 प्रतिशत और दालों की 14.53 प्रतिशत कम रही। प्याज 39.13 प्रतिशत, आलू 36.79 प्रतिशत और अरहर दाल 29.35 प्रतिशत सस्ती हुई। टमाटर 16.92 प्रतिशत महंगा हुआ।
मसालों की महंगाई दर भी शून्य से 3.24 प्रतिशत नीचे रही।
वहीं, खाद्य तेल एवं वसा युक्त उत्पादों में मुद्रास्फीति दर 21.24 प्रतिशत और फलों की मुद्रास्फीति दर 11.65 प्रतिशत रही। खासकर सरसों तेल की महंगाई दर 24.18 प्रतिशत रही। रिफाइंड ऑयल 23.46 फीसदी महंगा हो गया।
अनाजों की महंगाई दर 2.70 प्रतिशत और दूध एवं डेयरी उत्पादों की महंगाई दर 2.63 प्रतिशत दर्ज की गयी है।
ईंधन एवं बिजली वर्ग की मुद्रास्फीति 2.43 प्रतिशत, स्वास्थ्य वर्ग की 4.40 प्रतिशत और सौंदर्य उत्पादों की 16.61 प्रतिशत रही। रसोई गैस 6.11 प्रतिशत महंगी हुई।
खुदरा मुद्रास्फीति की दर फिलहाल रिजर्व बैंक की तय सीमा (दो से छह प्रतिशत) के भीतर है। केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2026) के दौरान महंगाई बढ़ने के अनुमान जताया है।

