सड़क हादसे में जान गंवाने वाले सेना के हवलदार का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

सीधी।जिले के बहरी थाना अंतर्गत खुटेली गांव निवासी सेना हवलदार मो. मुस्ताक का उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के सिंभावली थाना क्षेत्र के सिखेड़ा के पास दिल्ली-लखनऊ हाइवे पर गुुरुवार को सडक़ हादसे में दुखद निधन हो गया था। 38 वर्षीय मो. मुस्ताक के पार्थिव शरीर को सेना के विशेष वाहन से आज सेना जवानों ने उनके गृह ग्राम खुटेली पहुंचाया। पार्थिव शरीर के पहुंचते ही खुटेली क्षेत्र पूरी तरह से गमगीन हो गया। खुटेली के वीर सपूत मो. मुस्ताक का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ था। उन्हें नम आंखों से विदाई देने के लिए पहुंची भीड़ भारत माता की जय, मुस्ताक अमर रहे, वंदे मातरम् के नारे लगाए गए। गांव की गलियों में फूलों की वर्षा कर जांबाज जवान मो. मुस्ताक के पार्थिव शरीर का स्वागत किया गया। राजकीय सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार के दौरान दर्शन के लिए हजारों की भीड़ उपस्थित थी। जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के व्यक्तियों ने जांबाज जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की। परिजनों के अनुसार मो. मुस्ताक वर्ष 2009 में भारतीय सेना की रिमाउंट वेटरनरी काम्र्स (आरवीसी) में भर्ती हुए थे और वर्तमान में मेरठ में तैनात थे। उनके परिवार में पत्नी मोमिना बेगम, एक बेटा और एक बेटी हैं। बताया गया है कि गुरुवार को मो. मुस्ताक बाइक से दिल्ली-लखनऊ हाइवे में कहीं जा रहे थे। उसी दौरान सडक़ हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिखेड़ा पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने परीक्षण के पश्चात मृत घोषित कर दिया। बाद में पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम के लिए भेजा और सेना के अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। सूचना मिलने पर परिजन और रिश्तेदार भी मौके पर पहुंचे। सेना के जवान पोस्टमार्टम के बाद शव को अपने कब्जे में ले लिए थे। परिजनों ने बताया कि दो दिन पहले ही उन्होने एक रिश्तेदार के यहां जाने के लिए अवकाश लिया था। किंतु गुरुवार रात वह बाइक पर निकले और सडक़ हादसे का शिकार हो गए।

नम आंखों से मो. मुस्ताक को दी गई अंतिम विदाई

सेना हवलदार मो. मुस्ताक के पार्थिव शरीर के आज सुबह गृह ग्राम खुटेली सेना के विशेष वाहन से आने की जानकारी लोगों को कल ही मिल गई थी। इस वजह से सुबह से ही लोगों का हुजूम उनके घर के सामने पहुंच गया था। वहीं पुलिस अधिकारियों के साथ ही खंड स्तरीय अधिकारी एवं पुलिस बल भी मौजूद था। सेना के वाहन के गांव में दाखिल होने के साथ ही मो. मुस्ताक अमर रहे के नारे गूंजने लगे। चर्चा के दौरान कुछ ग्रामीणों ने बताया कि मो. मुस्ताक काफी मिलनसार स्वभाव के थे। इसी वजह से समूचे गांव में उनका काफी सम्मान था। देश सेवा के लिए वह पूरी तरह से समर्पित थे। उनका पूरा घराना ही देश सेवा के जज्बे से सराबोर था। जब भी अवकाश में मो. मुस्ताक अपने गृह ग्राम आते थे लोग उनसे मिलने के लिए पहुंचते थे। बड़े बुजुर्गों का काफी सम्मान करने वाले मो. मुस्ताक के असमय निधन की खबर मिलने के बाद से समूचा इलाका गम में डूबा हुआ था। कल से ही उनके घर में जाकर लोग परिजनों को ढ़ाढस बंधा रहे थे। आज मुशिम रीति-रिवाज के अनुसार उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार गृह ग्राम में किया गया। इस दौरान हजारों लोगों की भीड़ ने नम आंखों से जांबाज जवान को अंतिम विदाई दी। रोते हुए परिजनों को भी लोग संभालते नजर आए।

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