भोपाल: मध्यप्रदेश में आउटसोर्स और अस्थायी कर्मचारियों का भविष्य संकट में है। यह चेतावनी ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स अस्थायी अंशकालीन ग्राम पंचायत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने गुरुवार को भोपाल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान दी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर ठेकाकरण किया जा रहा है, जिसके चलते तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी न्यूनतम वेतन से भी वंचित हैं और उन्हें महज 3 से 5 हजार रुपये मासिक पर काम करने को मजबूर किया जा रहा है।
शर्मा ने कर्मचारियों के लिए एक अलग निगम गठित करने, उनकी सेवाओं का नियमितीकरण करने और न्यूनतम 21 हजार रुपये मासिक वेतन सुनिश्चित करने की मांग रखी। उन्होंने घोषणा की कि इन मुद्दों को लेकर 7 सितंबर को भोपाल में “हल्लाबोल आंदोलन” किया जाएगा। शर्मा के अनुसार, स्थायी पदों को समाप्त करने से समाज के कमजोर वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. विक्रम चौधरी ने भी इन चिंताओं को साझा किया और कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी युवा आबादी है, लेकिन सरकारी नीतियों ने “यूथ डिविडेंड” को “यूथ डिपेंडेंट” में बदल दिया है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी इस संघर्ष को अपना समर्थन दिया है।
