आनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 को चुनौती वाले मामले में जवाब के लिये मोहलत

जबलपुर: हाईकोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से आनलाइन गेमिंग एक्ट-2025 को चुनौती के मामले पर जवाब देने के लिए मोहलत मांगी गई। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष बुधवार को मामले की सुनवाई हुई। वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का पक्ष रखने के लिए समय मांगा। जिनका आग्रह स्वीकार करते हुए न्यायालय ने चार सप्ताह की मोहलत देते हुए मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को निर्धारित की है।

यह याचिका रीवा की क्लबूबम 11 स्पोट्र्स एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ पुष्पेंद्र सिंह ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि यह कानून युवाओं के मौलिक अधिकारों का हनन करता है। फैंटेसी स्पोट्र्स जैसे कौशल-आधारित खेलों को भी यह कानून अवैध बता रहा है। अधिवक्ता अंकित सक्सेना ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट और कई हाईकोर्ट पहले ही फैंटेसी स्पोट्र्स को कौशल-आधारित खेल बता चुके हैं।

ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा यह बिल लाया गया और कानून बनाया गया। यह नया आनलाइन गेमिंग कानून उस अंतर को खत्म करता है और पूरे सेक्टर को अवैध बताने की कोशिश कर रहा है। यह न केवल संविधान का उल्लंघन है, बल्कि युवाओं के मौलिक अधिकारों को भी छीन रहा है।

Next Post

झेलम नदी के तटबंध में दरार से बाढ़ की आशंका

Thu Sep 4 , 2025
श्रीनगर, 04 सितंबर (वार्ता) श्रीनगर के बाहरी इलाके में झेलम नदी के तटबंध में दरार आने से श्रीनगर के निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका फिर से बढ़ गई है, जिसके बाद अधिकारियों ने सात निचले इलाकों में एहतियातन खाली करने की सलाह जारी की है। प्रशासन ने आज सुबह […]

You May Like