
नीमच। जिले के अन्नदाता इस बार खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन में भारी नुकसान झेल रहे हैं। पीला मोजेक वायरस और अतिवृष्टि की दोहरी मार से अधिकांश खेतों की फसल नष्ट हो चुकी है। मंगलवार को किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर तत्काल सर्वे और उचित मुआवजे की मांग की।
किसानों का कहना है कि जीरन तहसील के चल्दु, अरनिया बोराना, मात्याखेड़ी, सिमखेड़ा, सगरग्राम, तालखेड़ा, बरखेड़ा सोंधिया, सकरानी, बांसखेड़ी, खेताखेड़ा, बोरखेड़ी कला, ढोलपुरा, सरजना सहित कई गांवों में 80 से 90 प्रतिशत तक सोयाबीन बर्बाद हो चुकी है। वहीं बोरखेड़ी कला पंचायत के ढोलपुरा, सरजना और पिपलिया चारण में अतिवृष्टि से खेतों में पानी भरने के कारण मक्का और उड़द की फसलें भी गलकर पूरी तरह नष्ट हो गईं। यहां किसानों ने 100 प्रतिशत नुकसान का अनुमान जताया है।
अन्नदाताओं का आरोप है कि इतने बड़े नुकसान के बावजूद अब तक कोई सर्वे नहीं हुआ। उन्होंने कलेक्टर से मांग की कि राजस्व अधिकारियों और बीमा कंपनियों की टीम तत्काल गांवों में जाकर नुकसान का आकलन करे और प्रभावित किसानों को मुआवजा व बीमा राशि दिलाई जाए। किसानों का कहना है कि वे इस स्थिति से बेहद हताश और परेशान हैं और प्रशासन से त्वरित राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
