गाजा के बच्चों का दर्द: यूएन से मदद की गुहार, युद्ध के बीच क्यों खामोश हैं बच्चों की चीखें?

गाजा पट्टी, 28 अगस्त। गाजा में जारी संघर्ष के कारण बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। चारों तरफ बमबारी और विनाश के कारण बच्चों की चीखें सुनाई नहीं दे रही हैं, क्योंकि वे डर और सदमे में हैं। इस भयानक स्थिति को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से बच्चों को बचाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई गई है।

क्यों तड़प रहे हैं गाजा के बच्चे?

गाजा में हजारों बच्चे बिना भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता के जीने को मजबूर हैं। बमबारी से उनके घर तबाह हो गए हैं, जिससे वे बेघर हो गए हैं। युद्ध के कारण स्कूलों को बंद कर दिया गया है, और बच्चों का बचपन छीन गया है। उन्हें हर दिन हिंसा और मौत का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

किसने लगाई है यूएन से गुहार?

गाजा में सक्रिय कई मानवीय सहायता संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की है कि वे युद्ध को रोकने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि बच्चों को भोजन, चिकित्सा और मानसिक सहायता की सख्त जरूरत है। उन्होंने यह भी मांग की कि युद्धग्रस्त क्षेत्रों में मानवीय गलियारे बनाए जाएं, ताकि सहायता सामग्री बिना किसी बाधा के बच्चों तक पहुंच सके।

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