करोड़ों का कॉलेज भवन बना, 100 मीटर की सड़क ने बढ़ाई छात्रों की परेशानी

मंडला: जिले के अंतिम छोर में बसा वनांचल विकासखंड मवई हमेशा ही उपेक्षा का शिकार रहा है। यहां के कई ग्राम आज भी मूलभूत सुविधा के इंतजार में है। वहीं कई वर्षो के इंतजार के बाद आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में छात्रों की मांग पर कॉलेज बनकर तैयार है, लेकिन इस कॉलेज तक पहुंचने के लिए पहुंच मार्ग नहीं बनाया गया है। जिसके कारण यहां के छात्रों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जानकारी अनुसार मवई जनपद मुख्यालय में करोड़ों की लागत से तैयार हुआ एक नया कॉलेज भवन अब विद्यार्थियों और स्थानीय निवासियों के लिए सिरदर्द बन गया है। इस भव्य और आधुनिक इमारत तक पहुंचने के लिए मात्र 100 मीटर की सड़क भी अब तक नहीं बन पाई है, जिसके कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बताया गया कि बारिश के मौसम में यह 100 मीटर का रास्ता कीचड़ और पानी से भर जाता है। जिसके कारण विद्यार्थियों को रोजाना इसी दलदल भरे रास्ते से होकर कॉलेज जाना पड़ता है।
कॉलेज पहुंच मार्ग की उपेक्षा, छात्र परेशान :
बताया गया कि कॉलेज के सामने रहने वाले रहवासियों की स्थिति तो और भी दयनीय है। उनका कहना है कि इस रास्ते पर निर्माण सामग्री गिराने के बाद उसे साफ नहीं किया गया, जिससे यहां कीचड़ और भी ज्यादा जमा हो गया है। एक छात्र ने बताया कि हमारे जूते, कपड़े सब कीचड़ से गंदे हो जाते हैं। कई बार तो साइकिल या बाइक फिसलने का भी डर रहता है। इतनी अच्छी बिल्डिंग का क्या फायदा, जब हम वहां ठीक से पहुंच ही नहीं सकते। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन ने कॉलेज भवन बनाने पर तो करोड़ों रुपये खर्च कर दिए, लेकिन इस छोटे से पहुंच मार्ग की उपेक्षा कर दी। उन्होंने बताया कि इस सड़क के न होने से न सिर्फ छात्र, बल्कि गांव के अन्य लोग भी प्रभावित हैं, जिन्हें अपने रोजमर्रा के कामों के लिए इसी रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है।
समस्या को नहीं ले रहे संज्ञान :
इस गंभीर समस्या को देखते हुए स्थानीय लोगों ने शासन-प्रशासन से तत्काल इस 100 मीटर की सड़क का निर्माण कराने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक यह सड़क नहीं बनती, तब तक न तो कॉलेज में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या बढ़ेगी और न ही यहां के लोगों को इस परेशानी से मुक्ति मिलेगी। कॉलेज के छात्रों का कहना है कि विकास की योजनाओं में छोटे-छोटे, लेकिन महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नजर अंदाज करने से कैसे शासकीय योजनाएं सफल हो सकती है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अभी तक किसी भी संबंधित अधिकारी ने इस समस्या को संज्ञान में नहीं लिया है। स्थानीयजन संबंधित अधिकारियों से उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी मांग पर जल्द ही ध्यान दिया जाएगा जिससे इस कॉलेज पहुंच मार्ग की दुर्दशा से उन्हें और छात्रों को राहत मिल सके।

Next Post

देवी अहिल्या बाई की 230 वीं पुण्यतिथि पर निकली भव्य पालकी यात्रा

Sat Aug 23 , 2025
इंदौर : महारानी देवी अहिल्या बाई की 230 वीं पुण्यतिथि के मौके पर गांधी हाल से भव्य पालकी यात्रा निकाली गई। पालकी के आगे होलकर कालीन वेश में कलाकार घोड़े पर सवार थे। शहर के बैंड, भजन मंडलियां भी यात्रा में शामिल हुए और पाउल भजन गाए। लेझिम और दिंडी […]

You May Like