मंडला: जिले में रेत के अवैध भंडारण और बिना रॉयल्टी रेत परिवहन का जोर-शोर से जारी है। रैनी सीजन में खनन पर रोक के बावजूद ठेका कंपनी और जुड़े रेत कारोबारी मनमानी पर उतर आए हैं। रेत परिवहन के लिए विभागीय रॉयल्टी की जगह 1500 रुपये में निजी टोकन जारी किए जा रहे हैं, जिससे ट्रैक्टर चालकों को वैधता का भ्रम देकर रेत का कारोबार कराया जा रहा है।
खनिज विभाग द्वारा भले ही चार स्थानों कजरवाड़ा (1.5 लाख घनमीटर), खैरी (25,000 घनमीटर), आमईटोला (1 लाख घनमीटर) और डोभी (50,000 घनमीटर) पर भंडारण की अनुमति दी गई है, लेकिन जिले के कई अन्य स्थानों पर भी अवैध रूप से रेत डंप की गई है।सूत्रों के अनुसार, तलैया टोला, सुरंगदेवरी, बरबसपुर, टिकरवारा, सतबहनी, बब्बू ढाबा के पीछे, राइस मिल, काता, टिकरी समेत कई इलाकों में बिना अनुमति रेत का भंडारण कर ट्रैक्टरों से रातों-रात परिवहन किया जा रहा है।
न तो निरीक्षण हो रहा है और न ही रॉयल्टी की गणना। यहां तक कि अधिकृत भंडारण स्थलों पर भी कैमरे तक नहीं लगाए गए हैं। लाखों की रेत का बिना दस्तावेज व्यापार हो रहा है।प्रभारी माइनिंग अधिकारी हितेश बिसेन का कहना है, “भंडारण स्थलों का निरीक्षण किया गया है, और जहां भी गड़बड़ी मिलेगी, कार्रवाई होगी। यदि किसी को अवैध भंडारण की जानकारी है तो हमें सूचित करें।”हालांकि, क्षेत्रीय लोगों का दावा है कि यदि विभाग स्थल का निरीक्षण करे, तो प्रतिदिन रात में ट्रैक्टर-ट्रॉली से अवैध रेत की डंपिंग पकड़ी जा सकती है। विभाग की निष्क्रियता से ठेका कंपनी को खुली छूट मिल गई है।
