नयी दिल्ली 05 अगस्त (वार्ता) प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान ने युद्ध की निरंतर बदलती प्रकृति से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को तेजी से अपनाने, पुरानी पद्धतियों पर पुनर्विचार करने और तीनों सेनाओं में तालमेल को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया है।
जनरल चौहान ने मंगलवार को यहां मानेकशॉ सेंटर में रक्षा प्रतिष्ठान ‘सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज’ के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित वार्षिक ट्राइडेंट व्याख्यान श्रृंखला के उद्घाटन संस्करण में मुख्य भाषण देते हुए मौजूदा समय में राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी और एकीकृत संचालन के महत्व पर जोर दिया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ रक्षा नेतृत्व, रणनीतिक विचारकों और विद्वानों ने ‘भविष्य के युद्धक्षेत्र पर प्रभुत्व’ विषय पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर ‘मानव और मानव रहित मशीनों ’ के बीच समन्वय पर जनरल बिपिन रावत के पहले अध्ययन पत्र का औपचारिक विमोचन भी किया गया। प्रतिष्ठान की प्रमुख पत्रिका सिनर्जी के अगस्त 2025 के अंक का भी विमाेचन किया गया जिसमें उभरते रणनीतिक रुझानों पर तीखे लेख शामिल हैं।
एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख ने ‘त्रि-सेवा सुधारों की तात्कालिकता’ पर एक व्याख्यान दिया जिसमें सार्थक सुधार के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण समय सीमाओं और संस्थागत कदमों पर प्रकाश डाला गया।
यह व्याख्यान श्रृंखला आलोचनात्मक चिंतन, रणनीतिक दूरदर्शिता और नीति नवाचार के लिए एक वार्षिक मंच के रूप में कार्य करती है।
