मंडला से नागपुर रेललाइन: अधूरी आशा कब पूरी होगी ?

मंडला: जबलपुर से घंसौर होते हुए मंडला और आगे नागपुर तक प्रस्तावित रेललाइन सिर्फ एक बुनियादी ढांचे की योजना नहीं, बल्कि आदिवासी बाहुल्य अंचल मंडला के लिए सामाजिक-आर्थिक विकास का प्रवेशद्वार है। दशकों से यह माँग जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और स्थानीय जनता द्वारा उठाई जाती रही है, परंतु अब तक यह केवल सर्वेक्षण तक ही सीमित रह गई है।

रेलवे संघर्ष समिति मंडला द्वारा इस माँग को लेकर कई बार आंदोलन, जनजागरण और पैदल मार्च जैसे प्रयास किए गए। जबलपुर-घंसौर-मंडला-नागपुर रेलमार्ग का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन निर्माण की दिशा में अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है।यह रेलमार्ग मंडला जिले को न केवल जबलपुर, नागपुर और रायपुर जैसे प्रमुख शहरों से सीधी कनेक्टिविटी देगा, बल्कि रोजगार, व्यापार, शिक्षा, चिकित्सा और पर्यटन के नए द्वार भी खोलेगा। इस रेल कनेक्टिविटी से आदिवासी युवा वर्ग को शहरों तक पहुंच में सुविधा होगी और जिले में निवेश की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।

आज जब केंद्र सरकार रेलवे के आधुनिकीकरण, बुलेट ट्रेन, सेमी हाईस्पीड रेल और मॉडल स्टेशनों के निर्माण में तेजी से कार्य कर रही है, तब आदिवासी बाहुल्य अंचल मंडला को मुख्यधारा से जोड़ने की पहल प्राथमिकता होनी चाहिए।रेलमार्ग की यह पुरानी माँग केवल ट्रैक और ट्रेन की बात नहीं, यह एक पूरे अंचल के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में पहला क़दम है।अब वक्त है कि दिल्ली और भोपाल के नीति-निर्माता आदिवासी क्षेत्र की इस मूलभूत आवश्यकता को प्राथमिकता में रखें।
जनता की यह अपील है — सर्वे हो चुका है, अब सिर्फ इच्छाशक्ति चाहिए।

Next Post

एशिया कप में भारत-पाक मुकाबला: इंदौर में कांग्रेस पदाधिकारी ने दी आत्मदाह की धमकी

Mon Aug 4 , 2025
इंदौर:एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले ग्रुप मुकाबले को लेकर विरोध तेज हो गया है. इंदौर के कांग्रेस सेवादल के कार्यवाहक अध्यक्ष विवेक खंडेलवाल ने 14 सितंबर को होने वाले इस मैच को रद्द करने की मांग करते हुए आत्मदाह की चेतावनी दी है. यह […]

You May Like