जबलपुर: अविविहित युवक की मौत के बाद उसकी साकेतन गर, शिवालय संस्कार विवेकांनद वार्ड स्थित संपत्ति हडऩे के इरादे से एक महिला उसकी फर्जी पत्नी बन गई ओर उसने तहसीलदार के समक्ष संपत्ति नामांतरण प्रकरण पेश किया। जब मृतक के परिजनों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने तहसीलदार को हकीकत बताई। जिसकेक बाद षडयंत्र रच दस्तावेजों में की हेराफेरी करते हुए मृतक की फर्जी पत्नी बनी महिला के खिलाफ विजय नगर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
पुलिस के मुताबिक रामनारायण विश्वकर्मा पिता स्व. कौडीलाल विश्वकर्मा 45 वर्ष निवासी भेडाघाट रोड तेवर ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके अविवाहित भाई राजेश कुमार विश्वकर्मा के स्वत्व अधिपत्य व मालकाना हक की संपत्ति शिवालय संस्कार, साकेत नगर विवेकानंद वार्ड में स्थित है जिसके राजस्व अभिलेखों मे उसके भाई का नाम बतौर मालिक स्वामी काबिज के दर्ज चला आ रहा था। मां उसके साथ ही निवास करती चली आ रही थी।
अविवाहित भाई राजेश कुमार विश्वकर्मा का 28 मई 2024 को निधन हो गया। पिता कौडीलाल विश्वकर्मा का निधन कोरोना काल में हो गया जिसमे उसके परिवार में पैतृक संपत्ति में केवल उसका एवं मां, बहन का हक है। भाई की मौत के बाद उसे पता चला कि किसी नीलम विश्वकर्मा उर्फ नीलम ठाकुर के व्दारा उसके अविवाहित भाई की पत्नी बनाकर भाई के स्वामित्व की उक्त सम्पत्ति मकान के नामांतरण प्रकरण तहसीलदार अधारताल थाना विजयनगर जबलपुर के समक्ष प्रस्तुत किया है। जिसकी जानकारी प्राप्त होने पर वह मां माधुरी विश्वकर्मा एवं बहन राजेश्वरी शर्मा तहसीलदार अधारताल के समक्ष उपस्थित हुये तब पता चला कि परवीन बानो उर्फ नीलम ठाकुर के व्दारा अपना नाम बदलकर नीलम विश्वकर्मा बनकर स्वयं को उसके भाई की पत्नी बनकर उक्त नामांतरण प्रकरण तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
साजिश बेनकाब होते ही फरार, नामांतरण निरस्त
फर्जीवाड़े का पता लगने के बाद शिकायतकर्ता ने तहसीलदार को वास्तविक जानकारी प्रदान की गई और बताया गया कि भाई अविवाहित था परवीन बानो उर्फ नीलम ठाकुर के व्दारा षंडयत्र पूर्ण ढंग से छल कपट व धोखाधडी करते हुये कूटरचित दस्तावेज तैयार कर व झूठा शपथपत्र देकर उक्त नामातंरण आवेदन प्रस्तुत किया गया है।
उक्त जानकारी परवीन बानो उर्फ नीलम ठाकुर को प्राप्त होने पर वह तहसीलदार के न्यायालय से फरार हो गई और दोबारा न्यायालय में उपस्थित नहीं हुई और न ही प्रकरण प्रमाणित कर पायी, जिस कारण उसका नामातंरण प्रकरण निरस्त हो गई और दोबारा कभी न्यायालय में उपस्थित नही हुई। प्रकरण प्रमाणित कर नहीं पायी जिस कारण उसका नामांतरण प्रकरण निरस्त हो गया। इसके बाद विधिवत कार्यवाही के उपरांत पीडि़त पक्ष में नामातंरण आदेश पारित किया गया ।
दस्तावेजों में फेरबदल कर ऐसे किया गड़बड़झाला
शिकायतकर्ता के मुताबिक नीलम ने दस्तावेजों में फेरबदल कर उसके बडे भाई राजेश विश्वकर्मा के मृत्यु प्रमाण पत्र में स्वंय को उनकी पत्नी के रूप में बताया जो न्यायालय तहसीलदार के न्यायालय के व्दारा भी माना गया है कि उसके बडे भाई राजेश विश्वकर्मा अविवाहित थे। किन्तु नीलम विश्वकर्मा उर्फ परवीना बानो के व्दारा दस्तावेजो में फेरबदल किया गया।
मृत्यु प्रमाण पत्र जो पूर्व में 27 मार्च 2025 को जारी हुआ उसमें नीलम विश्वकर्मा के व्दारा फर्जी तरीके से स्वंय को राजेश विश्वकर्मा की पत्नी के रूप में लेख कराया गया बाद में पुर्न सुधारकर 8 अप्रैल 2025 को जारी मृत्यु प्रमाण पत्र मे पत्नी के नाम को रिक्त कराया गया। ं नीलम विश्वकर्मा के व्दारा जिस सम्रग आई डी के माध्यम राजेश को अपने पति होने का दावा कर रही है, उसमे राजेश की समग्र आई 117425241 है जबकि मृतक राजेश विश्वकर्मा पिता कौडीलाल विश्वकर्मा की सम्रग आईडी 146581876 है जिसमे परिवार का मुखिया कौडीलाल विश्वकर्मा है एवं परिवार की आई डी मे किसी तरह का परिवर्तन नहीं हुआ है।
