देवसर-चितरंगी एंव बैढऩ विकास खण्ड में पहली कक्षा से लेकर 8वीं तक कुल 139,984 छात्रों को वितरित किया जाना था गणवेश
नवभारत न्यूज
सिंगरौली 19 मई। जिले में शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के करीब 50 फीसदी से कम नौनिहालों को गणवेश का वितरण नही हो पाया है। जिले के तीनों विकास खण्डों में पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक छात्र-छात्रों की संख्या करीब 1 लाख 40 हजार है। आरोप है कि आजीविका मिशन के डीपीएम की लापरवाही का भेंट गणवेश चला है। वही इस मामले में जिला पंचायत सीईओ मौन की भूमिका में हैं।
दरअसल जिले में पिछले शैक्षणिक सत्र 2023-24 मेें जुलाई-अगस्त माह के अन्दर शत प्रतिशत बच्चों को गणवेश वितरण करने का निर्देश था। किन्तु जिला पंचायत के अधिकारियों की सांठगांठ के चलते आजीविका मिशन का डीपीएम उन्हीं नक्से क दम पर चल पड़े और शैक्षणिक सत्र पूर्ण होने एवं परीक्षा परिणाम घोषित होने के बावजूद अभी भी जिले के करीब 50 फीसदी से कम पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के नौनिहालों को गणवेश नही मिल पाया है। जबकि जिले के देवसर विकास खण्ड में वर्ष 2023-24 में पहली से आठवीं तक छात्रों की संख्या 45686, चितरंगी विकास खण्ड में 52143 एवं बैढऩ विकास खण्ड में 42155 थी। इन्ही छात्र-छात्राओं को निर्धारित समयावधि में कराया जाना था। किन्तु आरोप है कि आजीविका मिशन के जिम्मेदार के चलते करीब 50 प्रतिशत नौनिहाल छात्र-छात्राओं को गणवेश नही मिल पाया है। आजीविका मिशन सिंगरौली के जिला कार्यक्रम प्रबंधक के कार्यालय के कर्मचारियों का दावा है कि 165 समूहों के माध्यम से अब तक 1 लाख 15 हजार छात्रों को गणवेश का वितरण किया जा चुका है। लेटलतिफी के मामले में डीपीएम के दफ्तर से जुड़े कर्मचारी गोलमाल जवाब देते हुये कहा कि समूहों की खाते में गणवेश की राशि भोपाल से सीधे ट्रांसफर कर दिया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि एक गणवेश की कीमत 300 रूपये है। इधर आजीविका मिशन के डीपीएम आफिस के दावे का पोल भी खुल रहा है। सूत्रों के मुताबिक अभी 50 फीसदी भी गणवेश का वितरण नही हो पाया है। कहीं न कहीं क मीशनखोरी की भेंट चढ़ गया है। वही चर्चाएं है कि जिला पंचायत सीईओ आजीविका मिशन पर मेहरवान है। जिसके चलते 10 महीने बाद भी नौनिहालों को गणवेश नही मिल पाया है। हालांकि इसकी जानकारी कलेक्टर तक पहुंची है कि नही, छात्रों के अभिभावक इसकी शिकायत अब जरूर करने का मन बना रहे हैं। ताकि आजीविका मिशन के डीपीएम एवं जिला पंचायत के अधिकारियों के कालेकरतूतों का पर्दाफांस हो सके। फिलहाल जिले के करीब 80 हजार नौनिहालों को पिछले वर्ष का गणवेश वितरण से वंचित किये जाने को लेक र क्या आजीविका मिशन के डीपीएम एवं जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या एक्सन लिया जाएगा ?
प्रधानाध्यापक दर्ज कराते हैं पोर्टल में आंकड़ा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गणवेश के वितरण के बाद संबंधित शासकीय विद्यालयों के हेडमास्टर प्राप्त गणवेश की संख्या को छात्रवार पोर्टल में विधिवत दर्ज कराते हैं। तभी उसी के आंकड़े के आधार पर वितरण माना जाता है। लेकिन आजीविका मिशन सिंगरौली के डीपीएम दफ्तर के कर्मचारी का दावा है कि केवल 25 हजार ही गणवेश वितरण किया जाना शेष है। उनके इस दावे का पोल भी खुल रहा है और गणेवश की वितरण में व्यापक पैमाने पर खेला हो रहा है और इस खेल में एक नही कुछ सरकार के नुमाईन्दों के नामों की चर्चा जोर शोर से है। जिनके कारण नौनिहाल अभी तक गणेवश से वंचित हैं। आरोप यहां तक है कि जिले के जिम्मेदार अधिकारी सीईओ सब कुछ जानते हुये मौन है। इसके पीछे का कारण जिला पंचायत सीईओ ही बता पाएंगे।