भारत दुनिया का ‘यंगिस्तान’ है। 2021 में देश की कुल जनसंख्या में 52% जेन जी और मिलेनियल्स थे। यह 47% के ग्लोबल औसत से ज्यादा है। गर्व की बात है पूरी दुनिया के 20% जेनजी घर भारत में है। यह डमोग्राफिक लाभ एक विशाल बाजार की ताकत बताता है। यह एक ऐसा हिस्सा है जिस पर हमें सतत ध्यान देने की जरूरत है। जो ब्रांड्स इस विवेकशील डिजिटल जनरेशन से सार्थक और अर्थपूर्ण जुड़ाव चाहते हैं उनके लिए टेक्नोलॉजी खासी अहम है।
मनोरंजन और शॉपिंग में क्रांति लाने वाले नेटफ्लिक्स, अमेज़ॅन जैसे टेक जायंट्स के बारे में सोचे। ये ब्रांड आपको बताते हैं कि आप क्या देखें और क्या खरीदें। नेटफ्लिक्स का एआई दर्शकों के देखने के इतिहास और यूजर हेबिट का विश्लेषण करता है। 80% से ज्यादा कंटेंट का चयन इसी आधार पर किया जाता है।
जबकि अमेज़ॅन इंजन के पर्सनलाइज्ड प्रॉडक्ट सुझाव से लगभग 35% खरीदारी होती है। ऐसे युवा ग्राहकों की तादाद तेजी से बढ़ती जा रही है जो किराना से लेकर महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स तक की खरीद में सेल्फ डॉयरेक्टेड, अबाध डिजिटल ट्रांजेक्शन पसंद करते हैं। डिजिटल प्लेटफार्म जागरूकता, रुचि, सोच-विचार, खरीद और वफादारी जैसे पारंपरिक तौर तरीके नाटकीय रूप से बदल रहा है। यह बदलाव का दायरा केवल रिटेल खरीद तक सीमित नहीं है। वित्तीय सेवाओं और बीमा में भी यह गहराई से दिखाई दे रहा है।
मिलेनियल और जेनजी: उपभोक्ताओं की पसंद को नए ढंग से परिभाषित कर रहे डिजिटल नेटिव्स
मिलेनियल्स और जेनजी केवल ग्राहक नहीं। वे एक कल्चर के निर्माता हैं, जो प्रामाणिकता, पारदर्शिता और अबाध डिजिटल अनुभवों की मांग करने वाली वैल्यूज के साथ बाज़ार को आकार दे रहे हैं। ये दोनों वर्ग जेन एक्स से बहुत अलग हैं। इंटरनेट और मोबाइल प्रौद्योगिकी के युग में पली-बढ़ी ये डिजिटल-फर्स्ट पीढ़ियां ब्रांडों से आसान ऑनलाइन अनुभव, पर्सनलाइज्ड और सामाजिक दायित्वबोध चाहती हैं। । इससे उलट जेनएक्स ने भले ही खुद को टेक्नोलॉजी के अनुसार ढाल लिया हो लेकिन वह अधिक आत्मनिर्भर है। वह गुणवत्ता और ब्रांड के प्रति वफादारी को महत्व देता है। वह ऑनलाइन और पारंपरिक इन-स्टोर दोनों जगह से मिली जुली खरीद को पसंद करता है। मिलेनियल्स और जेनजी विभिन्न उद्योगों में उम्मीदों को फिर से परिभाषित कर रहे हैं। बीमा क्षेत्र को भी इसके अनुसार बदलने को मजबूर होना पड़ रहा है।
क्या है इनकी पसंद ?
हमेशा डिजिटल फर्स्ट: इन पीढ़ियों के लिए डिजिटल सिर्फ एक प्लेटफॉर्म नहीं बल्कि बुनियाद है। मोबाइल-फर्स्ट इंटरेक्शन, सोशल कॉमर्स और इंस्टेंट संतुष्टि आदी बातें इनके लिएजुड़ाव का माहौल तैयार करती हैं। टिकटॉक पर नए ब्रांड खोजना, इंस्टाग्राम से खरीदारी करना हो, या यूट्यूब से ब्रांड स्टोरीटेलिंग यानी पूरी तरह से डिजिटल का दबदबा है।
प्रामाणिकता से कोई समझौता नहीं: मिलेनियल्स और जेनजी पॉलिश्ड परफेक्शन से ज़्यादा ईमानदारी को महत्व देते हैं। वे उन ब्रांडों की ओर आकर्षित होते हैं जो पारदर्शिता की बात कहते हैं। चाहे वह इथिकल सोर्सिंग हो, उचित लेबर प्रेक्टिस हों, या उत्पादों के प्रभाव के बारे में ईमानदारी से बताने वाले हों। दिखावटी सक्रियता या बेईमान ब्रांड मैसेजिंग? यह पूरी तरह से ब्रांड को ठुकराने के कारण हैं।
पर्सनलाइज्ड वफादारी की जीत: यहां एक सांचे में सबको नहीं ढाल सकते। उपभोक्ता उम्मीद करते हैं कि ब्रांड उन्हें जाने। जरूरतों को समझें। सिफारिशें पर्सनलाइज्ड हों। व्यक्तित्व की भावना को बढ़ावा दें। एआई-संचालित गहराई और डेटा आधारित पर्सनलाइजेशन विलासिता नहीं अब जरूरत है।
ऑनरशिप से ज्यादा पहुंच का महत्व : जेन जी और मिलेनियल्स के लिए अनुभव धन से ज्यादा मायने रखता है। सदस्यता मॉडल, रेंटल इकोनॉमी और डिजिटल एक्सेस का उदय हो रहा है। (डीवीडी की जगह स्ट्रीमिंग, राइडशेयरिंग की जगह कार का स्वामित्व)। बेशक सुविधा जीतती है, लेकिन पहुंच आसान टिकाऊ और किफायती होनी चाहिए।
युवा उम्मीदें: आसान भविष्य: टेक्नोलॉजी का फायदा लेने में बीमा उद्योग पहले ही सबसे आगे रहा है। वह अपनी बिजनेस प्रोसेस को आगे ले जाने के लिए एआई, मशीन लर्निंग (एमएल), ऑटोमेशन, ब्लॉकचैन, एजेंटिक एआई और क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग कर रहा है। इस मजबूत बुनियाद का बेहतर उपयोग इस बात पर निर्भर है कि वह इस एडवांटेज का लाभ लेकर कैसे वितरण चैनल को बेहतर बनाता है। सुव्यस्थित संचालन और अपने नवजवान ग्राहकों के सेगमेंट के लिए उन्नत प्रॉडक्ट लेकर आता है।
आसान डिजिटल एक्सप्रीएंस तैयार करना: नेटफ्लिक्स और अमेजन जैसे डिजिटल दिग्गजों से प्रेरणा लेते हुए, असाधारण यूआई/यूक्स (यूजर इंटरफ़ेस/यूजर एक्सपीरियंस) के महत्व को कमतर नहीं आंका जा सकता। डिजिटल इंटरफेस आसान, आकर्षक और मोबाइल डिवाइस के अनुसार होने चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि ग्राहक दुनिया भर कहीं से भी बैठक आपकी पॉलिसी तक आसानी से पहुंच सके। उसे अपने सवालों के जवाब मिलें और नीतियों तक आसानी से पहुंच सकें, प्रश्नों का समाधान कर सकें और वह सेवाओं का प्रबंधन आसानी से कर सके।
प्रत्येक टचपॉइंट पर ग्राहकों की प्राथमिकताओं को सावधानीपूर्वक रिकॉर्ड करना सबसे ज्यादा जरूरी है। । कई युवा उपभोक्ता वर्चुअल इंटरैक्शन पसंद कर सकते हैं, तो कुछ हमेशा आमने-सामने बातचीत को महत्व देंगे। सिस्टम इस तरह हो जो इनकी प्राथमिकताओं को कैप्चर और एडॉप्ट कर सके। इससे हमें पर्सनलाइज्ड विकल्प प्रदान करने और भविष्य में वार्तालाप में मदद मिलेगी।
पहुंच और सुगमता का विस्तार: अब बिक्री प्रक्रिया को ऑनलाइन कर रहीं कंपनियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। साथ ही वे और ग्राहकों को बेहतर ढंग से जोड़ने के लिए डिजिटल बीमा प्लेटफॉर्मों में एक्टिव निवेश कर रही हैं। हमने अपने वितरण चैनलों का विस्तार पारंपरिक एजेंटों और ब्रोकर से आगे रिटेल डिस्ट्रिब्यूटर, बैंकों, एग्रीगेटरों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों तक किया है। कुछ बीमा कंपनियां तो डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डीटूसी) मॉडल में भी कदम रख रही हैं।
इसका मुख्य लक्ष्य स्पष्ट है: ग्राहक जहाँ कहीं भी जुड़ना चाहें, वहां उपलब्धता, आसान और सहजता होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करते हुए कि उनकी बीमा यात्रा उनके पसंदीदा डिजिटल अनुभव जितनी ही आसान और पर्सनलाइज्ड हो।
पीढ़ी चाहे कोई भी हो जीवन की यात्रा में वह दूरदर्शिता और प्रोटेक्शन की मांग करती है। जीवन बीमा वित्तीय सुरक्षा का एक प्रमुख आधारशिला बना हुआ है। यह हर पड़ाव पर मन की शांति प्रदान करता है। उत्पादों, ब्रांडों और संगठनों को ग्राहकों की बदली जरूरत के हिसाब से विकसित होना चाहिए। युवा बाजार को अपनाना और उनकी सेवा करना एक जटिल लेकिन पुरस्कृत कार्य है। जिसके लिए निरंतर नवाचार और अटूट समर्पण की जरूरत है।
भारत की युवा आबादी में एक बदलावकारी शक्ति है। यह एक ऐसी शक्ति जिसे बीमा को न केवल स्वीकारना चाहिए, बल्कि सक्रिय रूप से उसका उपयोग भी करना चाहिए। मिलेनियल्स और जेनजी के मूल्यों और पसंद के अनुरूप कदमताल करती रणनीतियां बनाकर हम एक ऐसा भविष्य बना सकते हैं जहां बीमा केवल एक आवश्यकता से बढ़कर, प्रत्येक व्यक्ति की वित्तीय यात्रा का एक अभिन्न, सहज स्वीकार्य और अत्यधिक पर्सनलाइज्ड हिस्सा बन जाए।
आगे बढ़ते हुए हम हमेशा ध्यान रखें कि भविष्य हमेशा चलयमान रहता है। मिलकर हम इसे आकार दे सकते हैं।
