अदालत ने सरकार को हर संभव प्रयास करने को कहा; बच्चे के पिता की याचिका पर त्वरित कार्रवाई
नई दिल्ली, 18 जुलाई, 2025 – सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश जारी करते हुए केंद्र सरकार को चाइल्ड कस्टडी के एक मामले में लापता हुई रूसी मां और उसके बेटे का 72 घंटे के भीतर पता लगाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश बच्चे के पिता द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें उन्होंने अपने बेटे को वापस पाने की गुहार लगाई थी। अदालत ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार को हर संभव प्रयास करने का सख्त निर्देश दिया है।
मामला एक विदेशी नागरिक से जुड़ा है, जहाँ बच्चे की मां अपने बेटे के साथ कथित तौर पर लापता हो गई है। बच्चे के पिता ने अदालत से गुहार लगाई थी कि उनके बेटे की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि मां और बच्चे का जल्द से जल्द पता लगाया जा सके और उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जा सके। इस तरह के मामलों में, बच्चे का हित सर्वोपरि होता है, और अदालत का यह निर्देश इसी सिद्धांत को दर्शाता है।
अंतर्राष्ट्रीय चाइल्ड कस्टडी विवादों में न्यायिक हस्तक्षेप; बच्चे के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता
यह मामला अंतर्राष्ट्रीय चाइल्ड कस्टडी विवादों की जटिलता को भी उजागर करता है, जहाँ विभिन्न देशों के कानूनी प्रावधान और मानवीय पहलू intertwined होते हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह त्वरित हस्तक्षेप दर्शाता है कि भारतीय न्यायपालिका ऐसे संवेदनशील मामलों में कितनी गंभीरता से कार्रवाई करती है, खासकर जब इसमें एक बच्चे का भविष्य और सुरक्षा दांव पर लगी हो।
अदालत ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार को इस कार्य में किसी भी प्रकार की देरी नहीं करनी चाहिए और 72 घंटे के भीतर एक अनुपालन रिपोर्ट पेश करनी होगी। यह आदेश इस बात का भी संकेत है कि भारतीय अदालतें विदेशी नागरिकों से जुड़े मामलों में भी उतनी ही सक्रियता से काम करती हैं, जितनी अपने देश के नागरिकों के मामलों में। इस निर्देश के बाद, उम्मीद है कि लापता मां-बेटे का जल्द ही पता चल जाएगा और मामले की आगे की कानूनी कार्यवाही बच्चे के सर्वोत्तम हित में सुनिश्चित की जा सकेगी।

