इंदौर: साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों के बीच इंदौर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के तहत शुक्रवार को एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया. कोचिंग क्लास में आयोजित इस सत्र में करीब 250 प्रतियोगी छात्रों को सायबर फ्रॉड के विभिन्न तरीकों और उनसे बचाव के उपायों की जानकारी दी गई.
कार्यशाला का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त क्राईम राजेश दंडोतिया ने किया.
उन्होंने बताया कि आज की डिजिटल दुनिया में सावधानी और सतर्कता ही साइबर सुरक्षा की सबसे बड़ी कुंजी है. ऑनलाइन लेन-देन, सोशल मीडिया गतिविधियों और मोबाइल ऐप्स के उपयोग में लापरवाही सायबर अपराधियों को मौका देती है. उन्होंने छात्रों को सायबर अपराध की स्थिति में हेल्पलाइन 1930, वेबसाइट या इंदौर पुलिस की साइबर हेल्पलाइन 7049124445 पर तत्काल शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया भी समझाई.
दंडोतिया ने कहा कि युवाओं को चाहिए कि वे पढ़ाई के साथ-साथ डिजिटल सतर्कता को भी अपनी आदत में शामिल करें. फर्जी कॉल्स, आकर्षक ट्रेडिंग ऑफर, ऑनलाइन गेम और सोशल मीडिया फ्रॉड से दूर रहते हुए अपनी निजी जानकारी गोपनीय रखें. पुलिस टीम ने इस मौके पर छात्रों को साइबर अवेयरनेस पंपलेट्स और स्टिकर्स भी वितरित किए, साथ ही उन्हें अपने परिवार व मित्रों को भी जागरूक करने के लिए प्रेरित किया. कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को साइबर अपराधों के प्रति संवेदनशील बनाना और उन्हें तकनीकी धोखाधड़ी से बचाना रहा.
