
इंदौर/उज्जैन . देश के सबसे वीभत्स राजा रघुवंशी हत्याकांड की मुख्य आरोपी सोनम हाल फिलहाल जहां मेघालय पुलिस की हीरासत में हैं वहीं राजा की मृत्यु हुए 10 दिन बीत चुके हैं, ऐसे में इंदौर निवासी राजा रघुवंशी का परिवार राजा का तर्पण करने के लिए उज्जैन के सिद्धवट घाट पर पहुंचा. पंडित राजेश त्रिवेदी ने सनातन पद्धति के अनुसार विधि विधान से सभी दश कर्म करवाए.
अविश्वास और आक्रोश के इस माहौल में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि मृतक राजा की अंतिम क्रियाओं में मुख्य आरोपी सोनम का भाई गोविंद भी शामिल हुआ. उसने खुद राजा के लिए तर्पण किया और सार्वजनिक रूप से अपनी बहन की करतूत को अक्षम्य अपराध बताया.
राजा की आत्मा की शांति के लिए परिवार एकजुट
राजा के भाई विपिन, सुजीत और भतीजे विधान ने शिप्रा नदी के तट पर दसवें की विधि पूरी की. पंडित राजेश त्रिवेदी के नेतृत्व में पूरी सनातन परंपरा के अनुसार क्रियाएं संपन्न हुईं. परिवार ने कहा राजा अब नहीं है, लेकिन उसका सम्मान और आत्मा की शांति हमारी जिम्मेदारी है.
सोनम की गलती का बोझ लेकर आया उसका भाई
घाट पर उपस्थित सोनम का भाई गोविंद एक ओर जहां शांत दिखा, वहीं मीडिया से बातचीत में उसका दर्द भी छलक पड़ा. गोविंद ने कहा, मुझे सोनम की गलती का बहुत अफसोस है. मैंने राजा को छोटे भाई की तरह माना था, वह हमारा जमाई था. इसलिए पंडित जी के कहने पर मैंने भी तर्पण किया. उसने यह भी बताया कि सोनम की जिंदगी में राज कुशवाह नाम का युवक भी शामिल था, जो उसे दीदी दीदी कहता था, राखी बंधवाता था और फैक्ट्री में साथ काम करता था. हमें कभी शक नहीं हुआ कि दोनों के बीच कुछ चल रहा है. अगर सोनम चाहती, तो हम राज से उसकी शादी करा देते.
गुनाह के बाद की ग्लानि, लेकिन माफी नहीं
गोविंद का यह बयान कि अगर सोनम ने समय रहते कहा होता तो हम उसे समझा सकते थे. उसने कहा सोनम हमेशा जिद्दी और गुस्सैल रही है. हमने उस पर कभी कोई दबाव नहीं डाला. लेकिन उसने न सिर्फ एक मासूम जान ली, बल्कि पूरे परिवार और समाज की मान मर्यादा को ठेस पहुंचाई है.
तर्पण सिर्फ परंपरा नहीं, आत्मा की शांति का प्रयास
पंडित राजेश त्रिवेदी के अनुसार, तर्पण केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह मृत आत्मा को मोक्ष की ओर ले जाने का माध्यम भी है.
