अमेरिका में सबसे अधिक करोड़पति, चीन दूसरे स्थान पर; ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2024 और अन्य रिपोर्ट्स ने खोले आंकड़े, भारत में 3 लाख से अधिक करोड़पति।
नई दिल्ली, 12 जून (वार्ता): दुनिया में सबसे ज्यादा करोड़पति (मिलियनियर्स) किस देश में रहते हैं, इसे लेकर नई रिपोर्ट्स सामने आई हैं। ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2024 और अन्य हालिया आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका एक बार फिर इस सूची में शीर्ष पर काबिज है, जहाँ दुनिया के सबसे अधिक करोड़पति निवास करते हैं। इसके बाद चीन दूसरे स्थान पर मजबूती से बना हुआ है। यह रिपोर्ट वैश्विक अर्थव्यवस्था और विभिन्न देशों में धन संचय के रुझानों को दर्शाती है।
हेनले एंड पार्टनर्स की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में 5,492,400 मिलियनियर्स हैं, जो वैश्विक करोड़पतियों का एक बड़ा हिस्सा है। वहीं, चीन में 862,400 मिलियनियर्स हैं। जर्मनी 806,100 करोड़पतियों के साथ तीसरे स्थान पर है, जबकि जापान 754,800 मिलियनियर्स के साथ चौथे स्थान पर आता है। यूके (602,500) और फ्रांस (506,000) भी शीर्ष देशों में शामिल हैं।
भारत में करोड़पतियों की संख्या और स्थान:
भारत भी इस सूची में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हेनले एंड पार्टनर्स की दिसंबर 2023 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 326,400 मिलियनियर्स हैं, जिसके साथ भारत दुनिया में 10वें स्थान पर है। वहीं, नाइट फ्रैंक की ‘द वेल्थ रिपोर्ट 2025’ (मार्च 2025 में जारी) के अनुसार, 2024 में भारत की HNWI (हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स – 10 मिलियन डॉलर से अधिक संपत्ति वाले) आबादी 6% बढ़कर 85,698 हो गई है। यह रिपोर्ट बताती है कि भारत की अर्थव्यवस्था में मजबूत वृद्धि, निवेश के बढ़ते अवसर और लक्जरी बाजार का विस्तार देश को वैश्विक धन सृजन में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर रहा है।
रिपोर्ट्स यह भी बताती हैं कि 2013 से 2023 के बीच भारत में करोड़पतियों की संख्या में 85% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा, भारत में 191 अरबपति हैं, जिनमें से 26 अकेले पिछले साल ही इस सूची में शामिल हुए हैं। यह आंकड़ा 2019 में केवल 7 था। हालांकि, हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2024 में यह भी बताया गया है कि 2024 में भारत से लगभग 4,300 करोड़पतियों के बाहर जाने का अनुमान है, लेकिन यह चिंता का विषय नहीं है क्योंकि भारत में जितने करोड़पति देश छोड़ रहे हैं, उससे कहीं अधिक नए करोड़पति बन रहे हैं। यह भारत के आर्थिक लचीलेपन और भविष्य में धन सृजन की मजबूत क्षमता को दर्शाता है।

