मई में इक्विटी योजनाओं में शुद्ध प्रवाह में 22 प्रतिशत की गिरावट

नयी दिल्ली, (वार्ता) भारत में मई में सीमा पर तनाव के बीच शेयर केंद्रित म्युुचुअल फंडों शुद्ध निवेश में मासिक आधार पर करीब 22 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद म्युचुअल फंड कंपनियों के प्रबंध के अंतर्गत कुल परिसंपत्तियाँ (एयूएम) सालाना आधार पर 12 प्रतिशत और मासिक आधार पर 0.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 72.19 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुँच गईं। जबकि अप्रैल में एयूएम 69.99 लाख करोड़ रुपए था।

देश में म्यूचुअल फंड कंपनियों की एसोसिएशन (एएमएफआई) की ओर से मंगलवार को जारी मासिक रिपोर्ट के अनुसार कुल एयूएम में ओपन-एंडेड योजनाओं का हिस्सा 99.6 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक रहा जो उनके प्रति निवेशकों के मजबूत जुड़ाव को दर्शाता है।

रिपोर्ट के अनुसार शेयरों पर केंद्रित म्यूचुअल फंड में निवेश मई में शुद्ध निवेश मासिक आधार पर 21.66 प्रतिशत घटकर 19,013 करोड़ रुपये रह गया। यह इक्विटी फंड में लगातार पांचवें महीने निवेश में गिरावट है। इस साल अप्रैल में इन योजनाओं में निवेश 24,269 करोड़ रुपये, मार्च में 25,082 करोड़ रुपये, फरवरी में 29,303 करोड़ रुपये, जनवरी में 39,688 करोड़ रुपये और गत दिसंबर में 41,156 करोड़ रुपये था।

मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट के कार्यकारी निदेशक अखिल चतुर्वेदी की राज में मई के शुरू में पश्चिमी सीमा पर युद्ध जैसी स्थिति बनने से संभवत: निवेशकों ने शेयर केंद्रित योजनाओं से पैसा निकालना तेज कर दिया था।

कैपिटल माइंड एमएफ के इक्विटी कारोबार के प्रमुख अनूप विजय कुमार ने कहा कि मई में तेज गिरावट के बावजूदद इक्विटी (शेयर केंद्रित ) योजनाओं में लगातार 51वें माह शुद्ध निवेश बढ़ा है जो बाजार में खुदरा निवेशकों के ठोस विश्वास को दर्शाता है।

म्युचुअल फंड निवेशकों के बीच सिस्टमैटिक निवेश योजनाओं (एसआईपी) का आकर्षण मई में भी बना रहा और इस माध्यम से कुल 26,688 करोड़ रुपये का निवेश किया गया जो कि एक नया रिकॉर्ड है। अप्रैल महीने में एसआईपी से निवेश 26632 करोड़ रुपये था।

अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित विकल्प वाले हाइब्रिड फंडों ने मई में 20,765 करोड़ रुपये जुटाए, जो मासिक आधार पर 13 प्रतिशत और सालाना आधार पर 18 प्रतिशत अधिक है। उनकी बढ़ती लोकप्रियता से पता चलता है कि निवेशक विकास और सुरक्षा के बीच संतुलन की तलाश कर रहे हैं।

मई में ऋण पत्रों में निवेश करने वाली म्युचुअल फंड योजनाओं में 15,908 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी देखी गयी जो अप्रैल की 12,385 करोड़ रुपये की निकासी से 28 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल मई में इन योजनाओं में निवेश शुद्ध रूप से बढ़ा था। यह दर्शाता है कि निवेशक ब्याज दर परिदृश्य में बदलाव देख रहे हैं।

मई में स्मॉल-कैप फंडों ने 3,214 करोड़ रुपये जुटाए जो मासिक आधार पर आठ प्रतिशत की और सालाना आधार पर 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

आंकड़ों के अनुसार भारत में अब 23.83 करोड़ म्यूचुअल फंड फोलियो हैं, जो अप्रैल से 2.1 प्रतिशत और साल दर साल 16.5 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि दर्शाते हैं।

मई में 19 नई योजनाओं के माध्यम से 4,170 करोड़ रुपये जुटाए गए जो अप्रैल में नयी योजनाओं में जुटाए गए 3,650 करोड़ रुपये की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है।

लिक्विड फंडों में अप्रैल में 36,500 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी जो मई में बढ़ कर 40,205 करोड़ रुपये रही।

 

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