जबलपुर: शहर के नामचीन हॉस्पिटल मार्बल सिटी में मरीज की मौत के बाद चल रही जांच में हर दिन नए खुलासे हो रहे है। मरीज की मेडिकल रिकॉर्ड में भी गड़बडझाला हुआ है। फर्जी बिल बनाने से लेकर हस्ताक्षर हैण्ड राइटिंग और छेड़छाड़ की गई। साथ ही दस्तावेजों में गंभीर हेराफेरी कर सबूत मिटाये भी गए। जिसकी भी मृतिका के बेटे ने रिकॉर्ड झूठे और छेड़छाड़ की भी शिकायतें की थी। मरीज के रिश्तेदार व गवाह के हस्ताक्षर गायब है।
विदित हो कि मनोज कुमार महावर पिता जगनलाल महावर 36 वर्ष निवासी डीरेल सौरभ आफीसर की मां शांति देवी को 1 सितम्बर 24 को बुखार और सांस लेने मेंं तकलीफ शिकायत हुई थी जिन्हें मार्बल सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। 2 सितम्बर 24 को मौत हो गई थी। जब बेटे ने मेडिकल रिकॉर्ड देखे तो उसमें आईसीयू में उनकी मां डॉ बृजराल उइके की निगरानी मेेंं होने की बात सामने आई थी छानबीन में पता चला कि मार्बल सिटी अस्पताल के आइसीयू में सेवा दे रहा सतेन्द्र ने स्कूल में साथ पढऩे वाले ब्रजलाल उइके की 12वीं कक्षा की अंकसूची पर अपना फोटो चिपकाकर एमबीबीएस में प्रवेश लिया था। पुलिस प्रकरण दर्ज कर सतेन्द्र की तलाश में जुटी हैं। इसके साथ ही अस्पताल प्रबंधन की संदिग्ध भूमिका भी जांच कर रही हैं।
हेराफेरी के साथ भारी गड़बडिय़ां मिली
एक ही समय में दो डॉक्टरों ने मरीज की जांच की। एक डॉक्टर ने ऑब्जर्वेशन में एसपीओ टू 80 दर्ज की थी तो दूसरे डॉक्टर ने एसपीओ टू 70 लिखा है। इसके अलावा बीपी जांच करने में भी गड़बड़ी सामने आई। एक सितम्बर 2024 को एक डॉक्टर ने बीपी 80-60 दर्ज की तो दूसरी ने 130-50 दर्ज की। मेडिकल रिकॉर्ड आरटीआई के माध्यम से सीएमएचओ से मृतक के बेटे को मिले जिसमें बेटे का दावा है कि इनका विश्लेषण करने पर हेराफेरी, जालसाजी की गई है। उन्होंनें आरोप लगाए गए कि अस्पताल ने सुनियोजित अपराधिक साजिश के तहत सबूत मिटाए हैं और हेराफेरी की है।
