
सीहोर. बुधवार की दोपहर बाद मौसम में आए बदलाव के चलते आंधी- तूफान और पानी ने ऐसा कहर बरपाया कि शहर का आधा हिस्सा पूरी रात अंधेरे में डूबा रहा. तेज आंधी में कई खम्भे उखड़ गए और तार टूटकर जमीन पर आ गिरे.जिनकी मरम्मत करने विद्युत अमला पूरी रात जुटा रहा.इसके बाद भी शहर के कई हिस्सो की विद्युत प्रदाय व्यवस्था प्रभावित रही.
हवाओं की रफ्तार इतनी अधिक थी कि कई पेड़ जमीदोज हो गए तो कई बिजली के खम्भे भी उखड़ गए और तार टूटकर जमीन पर आ बिखरे. जिससे सम्पूर्ण शहर की विद्युत व्यवस्था तहस-नहस हो गई. तेज हवाओं ने सबसे अधिक नुकसान हाइवे पर पहुंचाया.सोया चौपाल से नापलाखेड़ी के बीच कई खम्भे उखड़ गए थे. इसी तरह पेड़ उखड़े और यातायात बाधित हो गया था. खम्भे टूटने के कारण विद्युत प्रदाय ठप हो गया. विद्युत कंपनी की मानें तो स्टेट हाइवे और इछावर रोड़ पर चार खम्भे क्षतिग्रस्त हुए थे. इसके अलावा सोया चौपाल पर हाईटेन्शन के भी दो खम्भे टूट गए थे. शहरी क्षेत्र में भी आंधी का असर विद्युत व्यवस्था पर पड़ा. निजामत चौकी, आरएके कैंपस, कस्बा स्थित तीन मिनारा मस्जिद, भोपाली फाटक, तहसील चौराहा, भोपाल नाका, चाणक्यपुरी सहित कई क्षेत्रों की बिजली गुल हो गई थी. विद्युत कंपनी का अमला क्षतिग्रस्त लाइनों को सुधारने निकल पड़ा, लेकिन आंधी से इतनी तबाही हुई थी कि उसे ठीक करने में कर्मचारियों के पसीने छूट गए थे. देर रात तक लोग बिजली आने का इंतजार करते रहे. तब कई बिजली के दर्शन हुए. इसके बाद भी शहर के कई हिस्सों में पूरी रात बिजली नहीं आई. लोग बेताबी से बिजली आने का इंतजार करते रहे. गुुरुवार को भी सुबह से बिजली के तारों की मरम्मत का काम चलता रहा. जिससे कई क्षेत्रों में कई घंटे तक बिजली गुल रही.
मरम्मत कार्य में लगी रही चार टीम
विद्युत वितरण कंपनी के जेई राहुल चौबे ने बताया कि शाम को चली तेज हवाओं से हाईवे पर यातायात चौकी के सामने और चौपाल के समीप चार खंबे क्षतिग्रस्त हो गए थे. दो खंबे 33 केवी के भी टूटे थे, जिन्हें सुधारने के लिए देर रात तक चार टीमें लगी रहीं. गुरुवार को भी सुधार कार्य जारी रहा.
