
सीहोर. स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पताल और फर्जी तरीके से संचालित हो रहे नर्सिंग होम्स पर बड़ी कार्रवाई की है. सीएमएचओ ने 10 नर्सिंग होम्स का पंजीयन रद्द कर दिया है. यह सभी नर्सिंग होम्स स्वास्थ्य विभाग के मापदंड का दरकिनार कर चलाए जा रहे थे. अब इन अस्पतालों और नर्सिंग होम्स का बंद करा दिया गया है.
गौरतलब है कि जिले में शहर के साथ ही ग्रामीण अंचल के हर कोने में निजी अस्पताल खुलते ही जा रहे हैं. जबकि इलाज के नाम पर लूट के अलावा कुछ नहीं है. संचालित हो रहे अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में कई मरीजों की इलाज के दौरान मौत भी हो चुकी है. जिसके बाद सीएमएचओ ने शहर के सभी निजी अस्पताल और नर्सिंग होम्स की तीन माह में जांच कराई और रिपोर्ट आने के बाद 10 निजी अस्पताल और नर्सिंग होम्स के खिलाफ कार्रवाई की. कार्रवाई करते हुए उनके पंजीयन निरस्त किए हैं और ऐसे निजी अस्पतालों में ताले भी लगा दिए गए हैं. निरीक्षण के दौरान इन अस्पतालों में कई प्रकार की कमियां उजागर हुई थीं. टीम के प्रतिवेदन के बाद सीएमएचओ डा सुधीर कुमार डेहरिया ने कार्रवाई करते हुए जिले के 10 नर्सिंग के पंजीयन निरस्त किए हैं. जब तक यह स्वास्थ्य विभाग के मापदंडों को पूरा नहीं कर लेते तब तक यहां न तो मरीज को भर्ती कर सकते न उपचार नहीं किया जा सकता है.
इन अस्पतालों में हो रहा था जिंदगियों से खिलवाड़
गत दिनों नर्सिंग होम्स की जांच के लिए सात सदस्यीय दल गठित किया गया था, जिसमें डीएचओ, बीएमओ और मेडिकल आफिसर के साथ ही अन्य स्टाफ ने जांच निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया था. इस दौरान कमियां पाए जाने पर सुयश अस्पताल सीहोर, मुस्कान अस्पताल बिलकिसगंज, वेदांश मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल अहमदपुर, मल्टीकेयर जर्नल अस्पताल रेहटी, इम्होटेप अस्पताल भैरुंदा, लिखितकार अस्पताल श्यामपुर, सिद्धी विनायक अस्पताल दोराहा, एमएम अस्पताल एंड रिर्सच सेंटर सीहोर, आरोग्य हास्पिटल इछावर, देवांचल नर्सिंग होम्स के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए गए हैं और इनको सील कर दिया गया है.
निरीक्षण में जांच दल को मिली थीं गंभीर खामियां
इन अस्पतालों में जांच टीम को कई प्रकार की कमियां मिली थीं. अधिकांश अस्पताल बीएचएमएस डाक्टरों द्वारा संचालित किए जा रहे थे. एमबीबीएस डाक्टर से अनुबंध होने पर डाक्टर अनुपस्थित मिले, बिना पंजीयन के भी संचालित हो रहे थे. कई अस्पतालों में अप्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ है तो कई अस्पताल ऐसे हैं जिनमें अपर्याप्त मेडिकल उपकरणो और कम जगह में संचालित हो रहे थे. आयुष्मान की मान्यता लेकर भी नियमों की अवहेलना की जा रहा थी. गौरतलब है कि मरीजों को बताने के लिए निजी अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की सूची चस्पा कर ली जाती है, लेकिन वह डाक्टर शायद ही इन अस्पतालों में उपचार करने पहुंचते है और पहुंचते भी हैं, तो मोटी फीस तय होने पर जाते हैं.
जांच के आधार पर की है कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी ब्लाकों में जांच दल गठित किए गए हैं, जो अपने क्षेत्रों के नर्सिंग होम्स की जांच करते हैं. शिकायत मिलने में भी जांच की जाती है. बीते तीन माह में 10 नर्सिंग होम्स के लाईसेंस सस्पेंड किए गए हैं, जो नियम अनुसार संचालित नहीं किए जा रहे थे. जांच निरंतर चलती रहती है. जब तक नर्सिंग होम संचालक सभी मापदंडों को पूरा नहीं कर लेते तब तक नर्सिंग होम व अस्पताल बंद रहेंगे
डॉ. सुधीर डेहरिया,
सीएमएचओ, सीहोर
