
जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अतिथि शिक्षकों की उपेक्षा किए जाने के मामले पर अंतरिम आदेश जारी किया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने कहा है कि चयन प्रक्रिया के नतीजे इन याचिकाओं पर कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगे। यदि याचिकाएं मंजूर होती हैं तो फिर विभाग को विशेष परीक्षा कराकर उनके प्रकरणों पर विचार करना पड़ेगा।
याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी प्रीति त्रिपाठी व 13 अन्य की ओर से याचिकाएं दायर की गई थीं। न्यायालय को बताया गया कि वर्ष 2023-24 की शिक्षक भर्ती में पहली बार मप्र कर्मचारी चयन मंडल ने अतिथि शिक्षकों के अनुभव प्रमाणपत्र को ऑनलाइन आवेदन में अनिवार्य दस्तावेज घोषित कर दिया। लेकिन कई जिलों में प्राचार्य और संबंधित अधिकारी निर्धारित प्रारूप में प्रमाणपत्र जारी नहीं कर पाये। इस कारण बड़ी संख्या में योग्य अतिथि शिक्षक आवेदन ही नहीं कर सके। जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।
