इंदौर:चोइथराम चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस ने एक ऐसी कार पकड़ी, जो अफसर की नेमप्लेट लगाकर टैक्सी के रूप में चलाई जा रही थी. ड्राइवर ने रौब झाड़ने की कोशिश की, लेकिन जब गाड़ी में सवार यात्रियों ने सच्चाई उजागर की, तो ड्राइवर गिड़गिड़ाने लगा.सूबेदार सुमित बिल्लोनिया ने एमपी-09-डब्ल्यूएल-6053 नंबर की कार को रोका. ड्राइवर सागर सूर्यवंशी फोन पर बात करते हुए वाहन चला रहा था.
पूछताछ पर उसने कहा कि यह गाड़ी जीएसटी अफसर की है और सामने डिप्टी कमिश्नर, जीएसटी मध्यप्रदेश शासन की नेमप्लेट भी लगी थी. यातायात पुलिस ने दोनों पर कार्रवाई की. बिल्लोनिया को ड्राइवर के बर्ताव पर शक हुआ और दस्तावेज मांगे. ड्राइवर ने एफिडेविट दिखाकर गाड़ी जीएसटी विभाग से अटैच होने का दावा किया, लेकिन जब उनसे अटैचमेंट लेटर मांगा गया तो वह टालमटोल करने लगा.
जब गाड़ी में सवार यात्रियों से पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने यह गाड़ी ऑनलाइन बुक की है और ड्राइवर उनका कोई रिश्तेदार नहीं है. यात्रियों की बात सुनते ही ड्राइवर का सारा रौब हवा हो गया और वह माफी मांगते हुए रोने लगा. ड्राइवर पर नेमप्लेट और हूटर के दुरुपयोग का 3000 का जुर्माना लगाया गया, जो काफी मशक्कत के बाद ड्राइवर ने भरा. जांच में पता चला कि ड्राइवर सागर सूर्यवंशी ही गाड़ी का मालिक है और वह द्वारकापुरी का निवासी है.
