जबलपुर:अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने और उसके विरोध में दायर याचिकाओं पर गुरूवार को सुनवाई टल गई। दरअसल, एडिशनल एडवोकेट जनरल हरप्रीत रूपराह की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में 21 अप्रैल को सुनवाई होनी है। इसलिए सुनवाई बढ़ा दी जाये। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने अगली सुनवाई 15 मई को निर्धारित की है।
गौरतलब है कि यूथ फॉर इक्वालिटी सहित 64 याचिकाओं पर सुनवाई निर्धारित थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक प्रसाद शाह ने न्यायालय से निवेदन किया कि जिन याचिकाओं में ओबीसी कानून को चुनौती नहीं दी गई है, उनका निराकरण कर दिया जाये। यह भी कहा गया कि जो याचिकाएं सारहीन हो चुकी हैं उन्हें निरस्त कर दिया जाये।
केवल उन याचिकाओं को ही विचारण में लिया जाये जिनमें कानून की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। इस पर महाधिवक्ता कार्यालय की ओर से पुन: कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को ओबीसी आरक्षण से जुड़े मामलों पर सुनवाई करने से मना किया है। मामले में सर्वोच्च न्यायालय में आगामी दिनों में सुनवाई होने के मद्देनजर न्यायालय ने सुनवाई मुलतवीं कर दी।
