
सीहोर। शहर की सीवन नदी जिसे प्राणदायिनी नदी भी माना जाता है. उसका आस्तित्व खतरे में है. ऐसे में उसका जीवन संवराने के लिए भगीरथी प्रयास प्रारंभ हो गए हैं. बुधवार को प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा और विधायक सुदेश राय ने सीवन नदी पर जारी सफाई अभियान में शामिल होकर श्रमदान किया. इस अवसर पर विधायक श्री राय ने राय परिवार की ओर से दस लाख रुपए देने की घोषणा की. भोजपुरी समाज सहित अन्य दानदाताओं ने भी सहयोग देने की घोषणा की है.
गौरतलब है कि नगरपालिका द्वारा बीते कई दिन से सीवन नदी में सफाई कार्य जारी है. बुधवार को विधायक सुदेश राय व प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा भी सीवन तट पर पहुंचे और श्रमदान कर अपनी सहभागिता की. इस अवसर पर सीवन उद्धार समिति के डॉ. गगन नामदेव, डॉ. अमित मोदी, डॉ. गौरव ताम्रकार, डॉ. विवेक सक्सेना के अलावा अन्य गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे.
इस अवसर पर विधायक सुदेश राय ने कहा कि नपाध्यक्ष प्रिंस राठौर और सीवन नदी उद्धार समिति, समस्त जनप्रतिनिधि नागरिक सीवन नदी के गहरीकरण सौंदर्य करण के लिए कार्य कर रहे हैं. नदी गहरीकरण सौंदर्य करण करने के लिए शासन से हमारे द्वारा 25 करोड़ रुपए स्वीकृत कराए जाने के लिए योजना तैयार की गई है.
विधायक सुदेश राय ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा पुराने जलस्रोतों को बचाने और नए जल स्रोत बनाने के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान शुरू किया गया है. विधानसभा क्षेत्र में भी अनेक कार्य किए जा रहे हैं तालाबों का उद्धार किया जा रहा है, पुराने कुएं और बावड़ी को संरक्षित किया जा रहा है. पानी बचाने का संदेश दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में सीवन नदी आकर्षण का केंद्र बनने जा रही है. नदी में नौकायन भी होगा और पिकनिक स्पॉट भी बनेगा. सुंदर लाइटिंग के साथ पुल का निर्माण भी कराया जाएगा. इस अवसर पर पं. मिश्रा ने कहा कि समिति द्वारा सीवन नदी को साफ करने एवं गहरीकरण के लिए जो पहल की जा रही है यह बहुत ही सराहनीय है. उन्होंने कहा कि सीवन नदी का जीर्णोद्धार केवल समिति या किसी एकमात्र व्यक्ति का कार्य नही है, बल्कि यह हम सभी की जिम्मेदारी है. हम सभी का यह दायित्व है कि हम सभी मिलकर हमारे शहर की जीवनरेखा सीवन नदी को साफ-सुथरा बनाएं. उन्होंने कहा कि जब सीवन नदी में साल भर पानी रहेगा तो पहले की तरह सीवन नदी की घाटों पर पूजन अर्चना तथा धार्मिक गतिविधियां फिर से शुरू हो जाएंगे. सीवन नदी का जीर्णोद्धार कुछ सप्ताह या कुछ महीनों में नही हो सकता बल्कि हमें निरंतर मिलकर कार्य करना होगा.
