मालवा- निमाड़ की डायरी
वरिष्ठ आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया और उनके पुत्र आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया अपने ही क्षेत्र में चेन की सांस नहीं ले पा रहे. उनके खिलाफ पार्टी में ही एक मोर्चा बंद होता नहीं कि दूसरा खुल जाता है. अलीराजपुर के नेता महेश पटेल से उनकी अदावत ठंडी पड़ते-पड़ते अब वे आदिवासी विकास परिषद् के प्रदेश सचिव मथियास भूरिया के निशाने पर हैं. दरअसल यह आदिवासी संगठनों के बीच वर्चस्व की लड़ाई है.
विक्रांत के आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही अपनी पकड़ आदिवासियों पर बनाए रखने के लिए आदिवासी विकास परिषद् ने कांतिलाल भूरिया परिवार के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. वह किसी हाल में आंचलिक आदिवासियों पर कांतिलाल व विक्रांत की राजनीति को हावी नहीं होन देना चाहती. हाल ही में मथियास भूरिया ने पिता-पुत्र पर जमकर आरोप लगाए. आदिवासी समाज के नाम की जा रही उनकी राजनीति को थोथी बता दिया. कांतिलाल भूरिया और डॉ. विक्रांत भूरिया पर कांग्रेस पार्टी को अपनी निजी कंपनी बना डालने की बात तक कही.
मथियास के अनुसार कांतिलाल भूरिया एवं डॉ. विक्रांत भूरिया कांग्रेस पार्टी को अपने अनुसार चलाकर जिसे चाहे उसे ताबड़तोड़ पार्टी से निष्कासित करवा देते है और अपनी मनमर्नी से नई नियुक्तियां भी कर दी जाती है. जो कि कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा रहा है. उनकी मनमानी पर कांग्रेस आलाकमान ने अंकुश नहीं लगाया तो क्षेत्र में पार्टी को गर्त में जाने से कोई नहीं रोक सकता. मथियास कहते हैं- पिछले विधानसभा चुनाव में झाबुआ एवं रानापुर में सर्वाधिक लीड उनके द्वारा ही पूर्व में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रानापुर रहते हुए कांग्रेस पार्टी को दिलवाई गई थी और आज कांतिलाल भूरिया एवं डॉ. विक्रांत भूरिया उन्हें टारगेट बनाकर जबरन दबाव बना रहे हैं.
कार्यकर्ताओं के निशाने पर मंजू दादू
नेपानगर भाजपा विधायक मंजू दादू कार्यशैली को लेकर आजकल कार्यकर्ताओं के निशाने पर हैं. नेपानगर के विकास और ग्रामीण समस्याओं के समाधान की ओर ध्यान नहीं दिए जाने और कार्यकर्ताओं से दूरी बनाए रखने व जरुरत के समय फोन नहीं उठाने के आरोप पूर्व में भी उन पर लग चुके हैं. भाजपा कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय नागरिकों का कहना है की जब जरूरत हो तब विधायक मंजू दादू द्वारा मोबाइल नहीं उठाया जाता है. कार्यकर्ताओं से न मिल पाने की समस्या का समाधान कर भी नहीं पाई थी कि वे फिर घिर रही हैं.
मामला नेपानगर में भाजपा नेता एवं उसके परिवार पर मामला दर्ज होने को लेकर सुलगा है. नेपानगर नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष राजेश चौहान एवं उसके पुत्र के विरुद्ध अवैध शराब विक्रय का प्रकरण पंजीबद्ध किए जाने से मंजू राजेंद्र दादू के विरुद्ध भाजपा के कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है और कार्यकर्ताओं के निशाने पर बताई जा रही हैं. फैक्ट क्या है इसमें अभी खासा पेच फंसा हुआ है कि आखिर कौन पर्दे के पीछे अपनों को निपटाने में लगा है?
दादा दरबार की ताकत, 1 माह में 100 करोड़ लक्ष्य
धार्मिक रूप से निमाड़ और समृद्ध होने वाला है. धूनी वाले दादाजी के भक्तों ने तय कर लिया भव्य मंदिर बनाएंगे. खंडवा के दादा दरबार का मार्बल वाला मंदिर 100 करोड़ से ज्यादा लागत में बनेगा. पैसा कहां से आएगा… न सियासी दबाव न चंदा कट्टे लेकर दर-दर जाना, दादाजी के प्रति आस्था इतनी अधिक है कि भक्त 27 साल से मंदिर निर्माण में पैसा लगाने का रास्ता देख रहे हैं. आश्चर्यजनक बात यह है कि दादाजी के एक भक्त की संस्था ने ही 24 करोड़ रुपए तुरंत देने की हामी भर ली. खंडवा व देश में ऐसे भक्त भी हैं, जो 100 करोड़ रुपए एक महीने में ही एकत्रित कर सकते हैं.
यह समाधिष्ठ होने के 100 साल बाद भी दादा दरबार की ताकत को दर्शाती है. भक्तों के अनुसार रामनवमीं से डेढ़ नंबर क्वालिटी के मार्बल का मंदिर बनना शुरू हो जाएगा. तीन गुंबद वाले मंदिर में सबसे पहले नर्मदा जी बीच में दादाजी और तीसरे नंबर पर छोटे दादाजी की समाधि का मंदिर बनेगा. दादा दरबार भी अजीब खासियत वाला मंदिर है. यहां मंदिर में कभी ताला नहीं लगा, 24 घंटे दर्शन के लिए खुला रहता है. ग्रहण के समय भी बंद नहीं होता. 100 साल से ज्यादा हो गए, नारियलों की धूनी लगातार जल रही है. कुछ भी कहो , यह मंदिर आज भी चमत्कारों की बरसात करने वाले जैसा लगता है, जहां देश भर के श्रद्धालु पहुंचते हैं.