नयी दिल्ली 26 मार्च (वार्ता) प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को कम किये जाने का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में उठाया गया।
कांग्रेस की सोनिया गांधी ने शून्यकाल के दौरान सदन में यह विषय रखते हुए कहा कि इस योजना के तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को छह हजार रूपये की राशि देने का प्रावधान किया गया था। उन्होंने कहा कि अब छह के बजाय पांच हजार रूपये की राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी पीछे तक करीब 68 प्रतिशत महिलाओं को यह राशि मिल रही थी लेकिन अब यह 12 प्रतिशत पहुंच गयी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए 12 हजार करोड रूपये के बजट की जरूरत होती है लेकिन बजट में इसके लिए प्रावधान नहीं दिखाई देता।
तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन ने प्रधानमंत्री मिड डे मिल में खाद्य तेल की दस प्रतिशत की कमी करने के लिए जारी सरकारी परामर्श का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह कहा जा रहा है कि यह परामर्श बच्चों में मोटापे की समस्या को कम करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि इसका एक पहलू यह भी है कि खाद्य तेल का इस्तेमाल नहीं किये जाने से बच्चों को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलेंगे। इससे भोजन की पौष्टिकता प्रभावित होगी। उन्होंंने कहा कि विशेषज्ञों ने भी इसे सही नहीं बताया है। उन्होंने मिड डे मिल के लिए दी जा रही धनराशि को बढाये जाने की भी मांग की।
बी आर एस के बी पार्थसारधी ने भारतीय फार्मास्यूटिकल उद्योग पर अमेरिका द्वारा जवाबी टेरिफ लगाये जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इसका भारतीय फार्मास्यूटिल क्षेत्र पर रोजगार से लेकर हर पहलू पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने सरकार से अमेरिका के साथ बातचीत कर इस मुद्दे के प्रभावी समाधान की मांग की। उन्होंने सरकार से इसके लिए फार्मास्यूटिक क्षेत्र को प्रोत्साहन उपाय करने को कहा।
राष्ट्रीय जनता दल के ए डी सिंह ने नेपाल से सोयाबीन तेल के बढते आयात पर चिंता व्यक्त करते हुए इस पर न्यूनतम आयात शुल्क लगाये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे देश के सोया किसान पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है।
द्रमुक के पी विल्सन ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के रोस्टर में विसंगतियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इससे अनुसूचित और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को नुकसान हो रहा है।
कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने स्कूलों में नामांकन कम होने का उल्लेख किया। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि स्कूलों में नामांकन में एक करोड 55 लाख की कमी आयी है। उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर मुद्दा और सरकार को इस विषय पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
इससे पहले सभापति ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव के चार नोटिस मिले हैं । उन्होंने कहा कि इन नोटिसों में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने परिसीमन प्रक्रिया से संबंधित आशंकाओं , तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने एक ही नम्बर वाले मतदाता पहचान पत्रों के मुद्दे और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संदोष कुमार पी ने प्रवर्तन निदेशालय के दुरूपयोग के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की गयी है।
सभापति ने कहा कि उन्हें इन नोटिस को स्वीकार करने का कोई आधार नहीं दिखाई देता इसलिए इन्हें अस्वीकार कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सदस्य अन्य नियमों के तहत इन विषयों पर अपनी बात सदन में रख सकते हैं।
श्री धनखड़ ने सदस्यों को बताया कि कल उन्होंने सभी दलों के सदस्यों के साथ एक ज्वलंत मुद्दे पर सार्थक विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि बैठक में विपक्ष के नेता और सदन के नेता भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान सहमति और सहयोग के आधार पर इस विषय पर चिंता जतायी गयी। उन्होंने कहा कि यह कार्यपालिका और न्यायपालिका के टकराव का मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि बैठक में यह तय किया गया कि नेता सदन और नेता विपक्ष अन्य सदस्यों के साथ बातचीत कर उनकी भावना से सभापति को अवगत करायेंगे। इसके बाद इस विषय पर आगे कोई निर्णय लिया जायेगा।