उन्होंने दलील दी कि आवेदक ने के पूर्वजों को जमीदारी प्रथा के जमाने में सेवाभूमि प्रदाय की गई थी। इस सेवाभूमि पर 100 वर्ष से अधिक अवधि से आवेदक के पूर्वज और वर्तमान में आवेदक कृषि कार्य कर परिवार का भरण-पोषण करता आया है। जिस पटवारी ने सेवाभूमि बेचने का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराई है, पूर्व में आवेदक एक प्रकरण में उसके विरुद्ध गवाही दे चुका है। दरअसल, इसीलिये दुर्भावनावश कार्रवाई का तरीका अपनाया गया है। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।
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Tue Mar 25 , 2025
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