नयी दिल्ली, (वार्ता) देश में फरवरी, 2025 में वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात में मासिक आधार पर सुधार दिखा, लेकिन पिछले साल फरवरी की तुलना में यह निर्यात 11 प्रतिशत कम रहा।
फरवरी में आयात में तेज गिरावट के चलते आलोच्य माह में भारत का व्यापार घाटा 14.05 अरब डॉलर रहा जबकि जनवरी, 2025 में 22.9 अरब डॉलर था। अगस्त 2021 के बाद यह व्यापार घाटे का न्यूनतम स्तर है।
वणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा यहां सोमवार को जारी विदेश व्यापार संबंधी प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात इस वर्ष जनवरी के 36.43 अरब डॉलर के मुकाबले फरवरी में 36.91 अरब डॉलर रहा। इसी दौरान आयात 59.42 अरब डालर की तुलना में घट कर 50.96 अरब डॉलर रहा।
फरवरी 2024 में वाणिज्यिक निर्यात 41.41 अरब डॉलर के बराबर और आयात 60.92 अबरब डॉलर था। इसअ माह में सेवा निर्यात 35.03 अरब डॉलर और सेवा आयात 16.55 आयात डॉलर रहने का अनुमान है। जनवरी में सेवाओं का निर्यात 38.55 अरब डॉलर और आयात 18.22 अरब डॉलर था।
अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान भारत का कुल निर्यात 750.53 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जो सालाना आधार पर 6.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान कुल आयात सालाना आधार पर 7.28 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 839.89 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
निर्यातकों के शीर्ष फोरम फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक मांग में कमी और वैश्विक प्रशुल्क युद्ध के प्रभाव सहित प्रमुख निर्यात क्षेत्रों के सामने आने वाली चुनौतियों के कारण है।
श्री कुमार ने आशा व्यक्त की कि आयात में कमी के कारण व्यापार घाटे में कमी देश के आर्थिक विकास के लिए एक रणनीतिक अवसर बन सकती है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निर्यात वृद्धि को पुनर्जीवित करने के लिए एक ठोस प्रयास की आवश्यकता है। उन्होंने इस संबंध में ऐसी लक्षित पहलों की जरूरत बतायी है जिनसे वैश्विक बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिले।