रायपुर 09 मार्च (वार्ता) छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रविवार को छत्तीसगढ़ के तीन अधिकारियों के 15 ठिकानों पर छापा मारा। सुकमा, रायगढ़ व बीजापुर समेत कई जिलों में कार्रवाई जारी है।
एसीबी और ईओडब्ल्यू सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी की गई, उनके नाम समग्र शिक्षा विभाग के श्याम सुंदर सिंह चौहान, सुकमा में पदस्थ डीएमसी, सुकमा के तत्कालीन डीएफओ अशोक कुमार पटेल तथा आदिवासी विकास विभाग में उपायुक्त आनंद जीत सिंह के ठिकानों पर सुकमा, छिंदगढ़, रायगढ़, पुसौर, सारंगढ़, बीजापुर, जगदलपुर, गीदम, कोंटा और दंतेवाड़ा में छापेमारी की कार्रवाई चल रही है।
अब तक की जांच में करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की गई है, जिसमें शामिल हैं लाखों रुपये नकद बरामद,बड़ी मात्रा में सोने-चांदी के गहने ,जमीन के दस्तावेज तथा संदिग्ध बैंक ट्रांजैक्शन।
सूत्रों ने बताया कि यह छापेमारी सिर्फ अधिकारियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि उनके रिश्तेदारों और करीबियों के ठिकानों पर भी तलाशी ली गई।
डीएफओ अशोक कुमार पटेल को कुछ दिन पहले सरकार ने तेंदूपत्ता बोनस वितरण में गड़बड़ी करने पर निलंबित कर दिया था। बताया जा रहा है कि बस्तर, दंतेवाड़ा और बीजापुर में आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त आनंद जीत सिंह भी एसीबी की रडार पर थे।
अब ईओडब्ल्यू भी एसीबी के साथ कार्रवाई में शामिल हो गई है। पहली टीम जगदलपुर के धरमपुरा स्थित मकान पर छापा मारने पहुंची। एक टीम दंतेवाड़ा के सरकारी बंगले में भी पहुंची। जगदलपुर के बैलाबाजार स्थित आनंद जीत सिंह के करीबी का मकान भी कार्रवाई की जद में है। कोंटा ब्लॉक में शिक्षक और संकुल समन्वयक पद पर पदस्थ भानु प्रताप सिंह चौहान भी एसीबी की रडार पर थे। एसीबी के पास आय से अधिक संपत्ति की जानकारी थी।
पिछले कई दिनों से टीम जानकारी जुटा रही थी। बताया जा रहा है कि भानु प्रताप चौहान छिंदगढ़ ब्लॉक निवासी श्याम सुंदर चौहान के भाई हैं। टीम ने दोनों भाइयों के घर छापेमारी की। भानु प्रताप और बबलु चौहान दोनों शिक्षक हैं। बबलू चौहान पूर्व डीपीएम भी रह चुके हैं। भानु प्रताप सिंह चौहान वर्तमान में संकुल समन्वयक हैं। फिलहाल दोनों के ठिकानों पर एसीबी की टीम छानबीन कर रही है।