भूटान के पूर्व पर्यटन महानिदेशक ने नई पुस्तक भूटान: किंगडम ऑफ माइंडफुलनेस’ की लॉन्च

थिम्पू (भूटान) 06 मार्च (वार्ता) भूटान के पर्यटन विभाग के पूर्व महानिदेशक ने हाल ही में अपनी नई पुस्तक ‘ भूटान: किंगडम ऑफ माइंडफुलनेस’ लॉन्च की, जो भूटान के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलुओं को उजागर करती है। यह पुस्तक न केवल पर्यटकों को बल्कि स्थानीय निवासियों और आध्यात्मिकता में रुचि रखने वाले लोगों को भी भूटान की आत्मा से गहराई से जुड़ने का अवसर प्रदान करती है।

पुस्तक के लॉन्च के मौके पर लेखक ने कहा “ भूटान ब्रह्मांड की आत्मा है। जो सच्ची खुशी, आध्यात्मिकता और प्रकृति से जुड़ना चाहते हैं, उनके लिए यह एक आदर्श स्थान है।”

उन्होंने यह भी बताया कि पुस्तक का उद्देश्य पाठकों को प्रेरित करना है कि वे भूटान की यात्रा को एक गहरे, आत्म-विश्लेषण और सीखने के अवसर के रूप में देखें।

भूटान, जिसे ‘लास्ट शांगरी-ला’ कहा जाता है, अपने समृद्ध प्राकृतिक सौंदर्य, बौद्ध परंपराओं और ‘ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस’ (जीएनएच) के अनूठे दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है। भूटान: किंगडम ऑफ माइंडफुलनेस पुस्तक में लेखक ने इस छोटे हिमालयी राष्ट्र की गहरी आध्यात्मिकता और सतत विकास की नीतियों पर प्रकाश डाला है। पुस्तक का उद्देश्य पाठकों को भूटान के केवल पर्यटन स्थलों से परे जाकर उसकी जीवनशैली और दर्शन को अपनाने के लिए प्रेरित करना है।

भारत और भूटान के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंध सदियों पुराने हैं। भूटान भारतीय पर्यटकों के लिए एक प्रमुख यात्रा गंतव्य रहा है। वर्ष 2019 में भूटान आने वाले कुल 2,70,000 पर्यटकों में से लगभग 2,00,000 भारतीय थे। हालांकि, बढ़ते पर्यटन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए भूटान सरकार ने ‘सतत विकास शुल्क’ (एसडीएफ) लागू किया है, जिसके तहत भारतीय पर्यटकों को अब प्रति दिन 1,200 रुपये शुल्क देना होता है।

भूटान: किंगडम ऑफ माइंडफुलनेस, केवल एक यात्रा वृत्तांत नहीं, बल्कि आत्म-खोज की यात्रा है। पुस्तक उन लोगों के लिए उपयोगी होगी जो भूटान को गहराई से समझना चाहते हैं और माइंडफुलनेस, शांति और सतत जीवनशैली को अपने जीवन में अपनाना चाहते हैं। लेखक ने इसमें भूटान की संस्कृति, ध्यान (मेडिटेशन) परंपराओं, जैव विविधता और स्थानीय जीवनशैली को रोचक कहानियों और अनुभवों के माध्यम से प्रस्तुत किया है।

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