भारत दुनिया की तीसरी सबसे डिजिटलाइज्ड अर्थव्यवस्था

नयी दिल्ली 28 फरवरी (वार्ता) भारत दुनिया में डिजिटलाइज्ड अर्थव्यवस्था के मामले में अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है तथा आने वाले वर्षों में अमेरिका और चीन की एआई बढ़त को चुनौती देने की क्षमता रखता है।

आईसीआरआईईआर -प्रोसस सेंटर फॉर इंटरनेट एंड डिजिटल इकोनॉमी (आईपीसीआईडीई) द्वारा भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की स्थिति (एसआईडीई) 2025 पर आज जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत का उदय दुनिया के डिजिटलीकरण मानचित्र में ग्लोबल साउथ के उदय की एक बड़ी कहानी का हिस्सा है, जिसमें चीन दूसरा सबसे अधिक डिजिटल देश है और भारत, ब्राजील, थाईलैंड और नाइजीरिया कई विकसित देशों से आगे निकल गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार भारत में डिजिटल यूजरों की संख्या और डिजिटल सेवाओं का स्तर काफी ऊंचा है, लेकिन औसत भारतीय यूजर अब भी सीमित रूप से डिजिटलाइज्ड है। जब देश और यूजर स्तर के स्कोर को मिलाया जाता है, तो भारत 32 देशों (जी32) के समूह में आठवें स्थान पर आता है, जिसमें 17 विकसित और 15 विकासशील देश शामिल हैं।

रिपोर्ट में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का उल्लेख करते हुये कहा गया है कि एआई की दौड़ में अमेरिका और चीन बाकी दुनिया से काफी आगे हैं, जबकि दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और नीदरलैंड उनके बाद आते हैं। भारत जी32 में एआई रिसर्च में 11वें और एआई इंफ्रास्ट्रक्चर में 16वें स्थान पर है। हालांकि, सही निवेश और नीतियों के जरिए भारत अमेरिका और चीन के एआई वर्चस्व को चुनौती देने की क्षमता विकसित कर सकता है।

इसमें कहा गया है कि भारत की बड़ी आबादी उसे डिजिटल विकास के लिए स्केल का लाभ देती है, लेकिन तेजी से हो रहे डिजिटलाइजेशन के कारण साइबर हमलों और पर्यावरण पर पड़ने वाले असर का खतरा भी बढ़ जाता है। इन जोखिमों से निपटने के लिए भारत के पास सुधार की बड़ी संभावना है।

 

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