भ्रष्टाचार के मामले में ईओडब्ल्यु में जांच के लिये मामला दर्ज

ग्वालियर, 27 फरवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के ग्वालियर में तानसेन नगर इंडस्ट्रीयल एस्टेट की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के दो तत्कालीन एसोसिएट मैनेजर सहित चार कर्मचारियों पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) भोपाल में आज प्राथमिक जांच रजिस्टर्ड की गई है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के रीजनल मैनेजर की ओर से साल 2020 से 2024 के बीच एसबीआई म्यूचुअल फंड और एसबीआई लाइफ में निवेश के नाम पर 1 करोड़ 68 लाख 03 हजार रुपए की गड़बड़ी की शिकायत ईओडब्ल्यू में की गई थी। जिसमें दो तत्कालीन सीनियर एसोसिएट मैनेजर सहित चार कर्मचारियों पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कर जांच के लिए निवेदन किया था। इस आवेदन की जांच के बाद ईओडब्ल्यू भोपाल ने प्राथमिक जांच रजिस्टर्ड की गई है। साथ ही इसकी आगे की जांच ईओडब्ल्यू ग्वालियर को दी गई है। अब ईओडब्ल्यू पूरे मामले की जांच करेगी।
ईओडब्ल्यू भोपाल में कुछ समय पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के रीजनल मैनेजर (क्षेत्रीय व्यवसाय क्रमांक 01) अरविंद मिश्रा ने शिकायत की थी कि भारतीय स्टेट बैंक शाखा इंडस्ट्रीयल एस्टेट तानसेन नगर के तत्कालीन सीनियर एसोसिएट मैनेजर वीजेन्द्र सिंह बैस, तत्कालीन सीनियर एसोसिएट मैनेजर शरद टंडन, सेवा निवृत कर्मचारी एसबीआई सिक्योरिटीज की कर्मचारी सोनम शेजवार, एसबीआई लाइफ के कर्मचारी तेजन अग्रवाल की एक भ्रष्टाचार में भूमिका संदिग्ध है। उन्होंने शिकायत में बताया था कि, साल 2020 से लेकर साल 2024 तक एसबीआई के बैंक खातों से एसबीआई म्युचुअल फंड एसबीआई लाइफ स्कीम में निवेश के नाम पर 1 करोड़ 68 लाख 3 हजार रुपए का अनाधिकृत लेनदेन अन्य बैंक खातों में किया गया है। यह मामला उस समय पकड़ में आया जब दस्तावेजों की जांच की गई। जिसमें इन चार साल में एसबीआई की इंडस्ट्रीयल एस्टेट तानसेन नगर ब्रांच के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध नजर आई। जब इनसे संपर्क किया गया तो उचित जवाब नहीं मिला, जिसके बाद मामले की जांच के लिए ईओडब्लयू में शिकायत की गई थी। साल 2020 से लेकर साल 2024 तक भारतीय स्टेट बैंक शाखा इंडस्ट्रीयल एस्टेट तानसेन नगर में वीजेन्द्र सिंह बैस, शरद टंडन बतौर सीनियर एसोसिएट मैनेजर पदस्थ रहे थे।
इनके अलावा सेवानिवृत कर्मचारी एसबीआई सिक्योरिटीज सोनम शेजवार, एसबीआई लाइफ के कर्मचारी तेजन अग्रवाल भी इसी समय ऐसे पद पर थे, जो इस मामले से जुड़े थे। इनके नाम को संदिग्ध व गबन करने का आरोप लगाते हुए ईओडब्ल्यू को भेजे गए थे। भोपाल आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा प्राथमिक जांच पंजीबद्ध करने के बाद ग्वालियर ईओडब्ल्यू की टीम को जांच के लिए निर्देश दिए गए हैं। अब ग्वालियर ईओडब्ल्यू की टीम बैंक में इस गड़बड़ी के समय के दस्तावेज निगरानी में लेकर पूरी गड़बड़ी की जांच करेगी।

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