जबलपुर: राजस्व रिकॉर्ड की पेंडेंसी खत्म करने के लिए प्रशासन पुरज़ोर कोशिश कर रहा है। जिसमें उसे कुछ हद तक सीमांकन, अभिलेख दुरुस्ती, नामांतरण, बटवारे जैसे प्रकरणों में सफलता भी मिली है लेकिन जब बात नक्शा बटांकन की आती है तो इसकी पेंडेंसी लगभग एक लाख अस्सी हज़ार के आसपास बनी ही हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फरवरी माह के शुरुआत में लगभग 15 प्रतिशत ही प्रकरणों को निपटाया गया है। इसके पूरी तरीके से अपडेट ना होने के पीछे कई कारण अधिकारियों द्वारा बताए गए हैं, जिसमें कंप्यूटर रिकॉर्ड जो 2010 से आया, उसके पहले के रिकॉर्ड, भूमि विवाद जैसी अन्य दिक्कते मामलो के निपटारे में देरी कर रहे हैं।
लगा हुआ है प्रशासन
जिला प्रशासन द्वारा राजस्व मामलों को लेकर आए दिन बैठकें हो रही हैं, जिसमें राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि जल्द से जल्द सभी राजस्व मामलों का निराकरण किया जाए। कुछ मामलों की तो पेंडेंसी खत्म कर दी गई है। वहीं नक्शा बटांकन, नक्शा सुधार सहित अन्य कार्य कछुआ चाल से किए जा रहे हैं। इसमें हो रही लापरवाही से राजस्व दुरुस्तीकरण का टारगेट बढ़ता ही जा रहा है।
जल्द हो निपटारा
राजस्व विभाग में लाखों लंबित प्रकरण ऐसे हैं, जिनकी जानकारी पूर्ण रूप से नही है। इसके अलावा सैकड़ों प्रकरण विवादित श्रेणी में भी उलझे हुए है। सालों से ये प्रकरण इसी स्थिति में हैं। उनकी सिर्फ पेशी चल रही है। वे अभी तक विवादित की श्रेणी से बाहर ही नहीं आ पा रहे हैं। अगर इनकी संख्या भी मिला ली जाए तो लंबित प्रकरणों का आँकड़ा और भी बढ़ सकता है।
मिली थी रैंकिंग
जिले के सभी ब्लॉक में नक्शा बटांकन के करीब एक लाख अस्सी हजार मामले को निपटाने का टारगेट राजस्व विभाग को दिया गया है। जिसमें से अब तक मात्र 23 हजार के आसपास मामलों का ही निराकरण किया गया है। पेंडेंसी को दूर करने के लिए पटवारी शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं। इसके बाद भी इसकी पेंडेंसी खत्म करने के कार्य में तेजी नहीं आ रही है। लंबित प्रकरणों के निपटारे के लिए जिला प्रशासन द्वारा 15 नवंबर से 26 जनवरी 2025 तक राजस्व महाभियान भी चलाया गया था। इसमें जिले को बाकायदा रैकिंग भी मिली थी। बावजूद इसके लंबित प्रकरणों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। ऑनलाइन आँकड़ा जरूर कुछ और बता रहे हैं, लेकिन हकीकत यही है कि अभी भी करीब पौने दो लाख राजस्व प्रकरण लंबित हैं।
इनका कहना है
नक्शा बंटाकन मे पेंडेंसी है जिसके लिए अधिकारी लगे हुए हैं। जल्द ही इसमें सफलता मिलेगी।
धीरेंद्र कुमार सिंह, डिप्टी कलेक्टर