
नारेबाजी कर रैली निकाली, जताया एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल में प्रस्तावित संशोधनों पर विरोध
जबलपुर। केन्द्र सरकार द्वारा एडवोकेट्स एक्ट में प्रस्तावित संशोधनों के विरोध में जबलपुर के वकीलों ने शुक्रवार को एक दिन का सांकेतिक विरोध दर्ज कराया। वकीलों की गैरहाजिरी के चलते अदालतें सूनी नजर आई, हालांकि, वकीलों की गैरहाजिरी के बाद भी अदालतों ने उन मामलों पर सुनवाई की, जिनमें पक्षकार हाजिर रहे। अधिकांश मामलों में अदालतों द्वारा सुनवाई बढ़ा दी गई।
प्रस्तावित संशोधनों के विरोध में वकीलों ने जिला न्यायालय जबलपुर के गेट नंबर-3 से रैली निकाली, जो कलेक्ट्रेट चौराहा से होते हुए तहसील चौक पर पहुंची। वहां पर स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा के सामने वकीलों ने एकजुट होकर जमकर नारेबाजी भी की। इसके बाद रैली एसपी ऑफिस, मालगोदाम चौक होते हुए वापस कलेक्ट्रेट चौराहे पर समाप्त हुई। जिला बार के अध्यक्ष मनीष मिश्रा और सचिव ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा इस काले कानून के जरिए वकीलों का दमन करने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्रयास को किसी भी सूरत में सफल नहीं होने दिया जाएगा। एडवोकेट तरुण रोहिताश ने कहा कि विगत 15 वर्ष से अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग की जा रही थी, उसे पूरा न कर सरकार अधिवक्ताओं की सुरक्षा के खिलाफ बिल ला रही हैं जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।
वकीलों के हक के लिये हर लड़ाई लड़ी जाएगी: सैनी
एसबीसी के वाइस चेयरमैन व जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष आरके सिंह सैनी ने कहा कि उक्त संशोधित बिल वकीलों के खिलाफ है। वकीलों के हक के लिये वह लड़ाई लड़ने तैयार है। वकीलों की स्वतंत्रता पर किसी प्रकार की आंच नहीं आने दी जायेगी। इसके लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जायेगी।
संयुक्त बैठक में लिया था फैसला-
इससे पहले केन्द्र सरकार के प्रस्तावित संशोधनों के खिलाफ जिला बार, हाईकोर्ट बार और हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार की संयुक्त बैठक हुई थी। बैठक में तीनों बार एसोसिएशनों की कार्यकारिणी ने सांकेतिक विरोध के रूप में एक दिन के लिए अदालतों में हाजिर न होने का निर्णय बीते बुधवार को लिया था।
