मामला वार्ड वार्ड 37 की स्वर्ण बाग कालोनी का
इंदौर. शहर को स्वच्छ और शहरवासियों को स्वस्थ बनाने की बात जिस तरह से की जाती है असल में धरातल पर स्थिति कुछ और ही नजर आती है. न ही स्वच्छता दिखती है. गंदगी से फैल रही है साथ ही कहीं तरह की बीमारियां हो रही है.
बर्फानी धाम के पीछे स्वर्ण बाग कॉलोनी बसी हुई है. यहां क्षेत्र वार्ड क्रमांक 37 में आता है. क्षेत्र में घूमकर देखने में आया है कि आरिफ बेकरी वाली गलियों में घरों के पीछे बनी बेक लाइनों की हालत खस्ता है. कचरा और बहती गंदगी जिसमें कीड़े मच्छर, मक्खी पनप रहे हैं, जो कई तरह की बीमारियों को जन्म दे रहे हैं. कुछ कच्ची तो कुछ पक्की बेक लाइन अधूरे निर्माण का शिकार भी हो रही है. कई जगह तो पता चला है कि रहवासियों ने अपने खर्चे से बेक लाइन का पक्का निर्माण किया है. बताया जाता है कि जिस तरह से गंदगी बढ़ती जा रही है यह लापरवाही का नतीजा है क्योंकि साल भर में एक बार बड़ी बेक लाइन की सफाई की जाती है, जिसका नतीजा नहीं यह है कि पूरे वर्ष क्षेत्र में गंदगी फैली रहती है और बीमारी का प्रकोप बना रहता है. रहवासी द्वारा कई बार शिकायत करने के बावजूद सुनवाई नहीं होती और आवेदनों को नजरअंदाज किया जाता है.
इनका कहना है…
जिस तरह से क्षेत्र में नियमित कचरा गाड़ी आती है उसी तरह से नियमित तौर पर बेक लाइन की सफाई करना जरूरी है. इससे स्वच्छता बढ़ेगी और लोगों के स्वास्थ्य पर भी अच्छा असर पड़ेगा.
– सुभाष अहिरवार
आज नाले भी साफ कर दिए गए हैं. उसमें क्रिकेट खेला गया तो बेक लाइन को भी इतनी स्वच्छ रखना चाहिए ताकि उसमें से इंसान निकल जाए. ऐसा हुआ तो हम पौधे, गमले लगा देंगे.
– विजय एकले
इतनी गंदगी है कि घुटने तक धंस जाओगे. कितनी ही बार कंप्लेंट की गई लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं करता. प्रतिनिधि को कहो तो आश्वासन देते हैं कि हो जाएगा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती.
– ओम प्रकाश जोशी
लोगों ने किया है अतिक्रमण
लोगों ने बेक लाइन में इतना अतिक्रमण कर लिया है कि नगर निगम कर्मचारी अंदर तक नहीं पहुंच पाते है. कई लोगों ने अपने घरों की आउटलाइन चेंबर से नहीं मिलाई है. इस कारण भी गंदगी बढ़ती है. इसके लिए बार-बार उनको समझने का प्रयास किया जाता है. अन्यथा आखिरी में सब की चालानी कार्रवाई की जा सकती है.
– संगीता जोशी पार्षद