ट्रेनों में भीड़ का सिलसिला
जबलपुर, नवभारत। महाकुंभ मेला अपने आखिरी पड़ाव पर है। जिसके चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण प्रयागराज की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। विगत शनिवार को दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो जाने के बाद से रेलवे प्रशासन हाई अलर्ट पर है। अभी भी जबलपुर से होकर कुंभ में जाने वाली गाड़ियों में यात्रियों की भीड़ उमड़ रहीं है। ट्रेनो के आते ही गेट पर यात्रियों की भीड़ जमा हो जाती है। वही अंदर बैठे लोगों द्वारा डिब्बों के दरवाजे लॉक कर दिए जाते हैं। जिसके चलते ट्रेन में चढ़ने और उतरने के लिए लोगों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। हाल यह है कि स्लीपर और एसी के हालात जनरल डिब्बों जैसे हो गए हैं। यात्री गेटों पर लटक कर यात्रा करने को मजबूर हो गए है। स्टेशन वेटिंग रूम से लेकर प्लेटफार्म तक भीड़ एकत्र रहती है। जिसको नियंत्रण में रखने के लिए प्रबंधन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सबसे ज्यादा परेशानी आरक्षित डिब्बों में सफर करने वाले यात्रियों को हो रही है। हालांकि जीआरपी और आरपीएफ द्वारा ट्रेनों के आने के समय पर यात्रियों को कतारबद्ध किया जा रहा है।
उमड़ रही है भीड़
जबलपुर, कटनी जैसे स्टेशनो पर अभी भी यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। कई लोग ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ट्रेनों में सीट नहीं मिल पा रही है।
एक अनुमान के अनुसार मेले में अब तक 58 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पर्व के बाद महाकुंभ का समापन होगा। इस दौरान श्रद्धालुओं की संख्या 60 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। जिसके चलते आलम यह है कि स्टेशन पर पहुंचे यात्रियों के लिए कठिन स्थिति निर्मित हो रही है। ऐसी स्थिति में यात्रियों को ट्रेन में बैठने की जगह मिल जाए, इसी कोशिश में रेलवे प्रशासन लगा हुआ है।
सड़को पर बैठे
शनिवार को दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई घटना के समय जबलपुर रेलवे स्टेशन के छहों प्लेटफार्म और वेटिंग रूम यात्रियों और प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओ से ठसाठस भरे हुए,और हादसा होने के बाद जीआरपी और आरपीएफ ने मिलकर प्लेटफार्म और वेटिंग रूम से यात्रियों को बाहर कर दिया था जिसके बाद प्लेटफार्म क्रमांक एक और छह के बाहर हजारों यात्री और श्रद्धालु सडक और फुटपाथो पर बैठे नजर आए थे।
इनका कहना है
पमरे के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों से स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
हर्षित श्रीवास्तव, सीपीआरओ, पश्चिम मध्य रेलवे