आज से शुरू होगा अभियान, तीन दिन तक की जाएगी गिद्धों की गणना
सुसनेर, 16 फरवरी. तेजी से लुप्त हो रही गिद्धों की प्रजातियों को खोजने के लिए वन विभाग आज 17 फरवरी से तीन दिवसीय विशेष अभियान शुरू करेगा. इस अभियान के तहत गिद्धों की मौजूदगी का पता लगाया जाएगा और उनकी संख्या का आंकलन किया जाएगा. इस अभियान के तहत सभी बीट, रेंज और डिवीजन स्तर पर जानकारी एकत्र की जाएगी.
वन परिक्षेत्र अधिकारी चंदरसिंह पंवार ने बताया कि गिद्ध पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. ये मृत जीवों को खाकर प्राकृतिक सफाई का कार्य करते हैं. पिछले वर्ष सुसनेर के जंगलो व अन्य क्षेत्रों सहित प्रदेश भर में गिद्ध की गणना कर देखे गए थे. विशेषज्ञों का मानना है कि गिद्धों की संख्या में लगातार आ रही गिरावट को देखते हुए यह पहल बेहद महत्वपूर्ण है. जिले से गिद्ध पूरी तरह विलुप्त हो चुके हैं और कुछ स्थानों पर इनकी मौजूदगी बेहद कम हो गई है. हमारे क्षेत्र के जंगलों में भी अब केवल प्रवासी गिद्ध ही शेष बचे हैं. वन विभाग और वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ इस अभियान के जरिए 17 से 19 फरवरी तक व्यापक सर्वेक्षण कर गिद्धों की पहचान और संरक्षण पर काम करेंगे.
गत वर्ष सुसनेर क्षेत्र के जंगलो में मिले थे 21 गिद्ध
मध्यप्रदेश में तेजी से लुप्त हो रही गिद्धों की प्रजाति का सर्वे करने के लिए वन विभाग ने वर्ष 2024 में 3 दिवसीय सर्वे किया था. इसके तहत सुसनेर वन परिक्षेत्र में भी वन विभाग की टीमों ने जंगलों का भ्रमण कर गिद्धों की गिनती की गई. इस दौरान सुसनेर वन परिक्षेत्र में कुल 21 गिद्ध पाए गए थे. वन परिक्षेत्र अधिकारी चंदरसिंह पंवार के अनुसार क्षेत्र की ग्राम पंचायत ननौरा, श्यामपुरा, सेमली एवं सालरिया ग्राम पंचायत के जंगल तथा 1100 एकड़ भूमि पर मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्थापित एशिया के प्रथम गो अभ्यारण्य परिसर गिद्दों की गणना की गई थी. इस दौरान कुल 21 गिद्ध पाए गए थे.
इनका कहना है
गिद्धों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. गिद्धों की वर्तमान स्थिति का आंकलन करने के लिए 17 फरवरी से अभियान चलेगा. इसमें गिद्धों की ही गणना होगी. इसके लिए बीट प्रभारियों सहित अन्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है. पिछली बार सालरिया, श्यामपुरा और फरसपुरा के जंगलों में 21 गिद्ध नजर आए थे.
– चंदरसिंह पंवार, वन परिक्षेत्र अधिकारी, सुसनेर