शाजापुर : मामले का खुलासा तब हुआ जब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की कालापीपल मंडी शाखा से एक मांग पत्र नोटिस रोगी की पत्नी दीपिका मेवाड़ा को प्राप्त हुआ।
दीपिका के अनुसार, उनके पति राकेश मेवाड़ा पिछले 20 वर्षों से मानसिक रोग से पीड़ित हैं। वे भरदी गांव के निवासी और किसान हैं। बैंक ने नोटिस में 15 दिनों के भीतर ब्याज सहित 7,01,727 रुपये जमा करने को कहा है, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
दीपिका ने बताया कि उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि बैंक ने एक मानसिक रोगी को इतनी आसानी से लोन कैसे दे दिया और इन पैसों को किसने निकाला। उनके परिवार में छोटे बच्चे हैं और कमाने वाला कोई नहीं है। परिवार में केवल सास, ससुर और जेठानी हैं।
पीड़िता ने अपने पति के मानसिक रोग का प्रमाण पत्र और आधार कार्ड के साथ शिकायत दर्ज कराई है। यह मामला बैंकिंग प्रणाली में मौजूद खामियों को उजागर करता है, जहां बिना उचित जांच-पड़ताल के इतनी बड़ी राशि का लोन स्वीकृत कर दिया गया।