चेन्नई 07 फरवरी (वार्ता) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों की लगातार गिरफ्तारी और उत्पीड़न के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाते हुए उनकी आजीविका की सुरक्षा के लिए एक स्थायी समाधान की मांग की।
श्री स्टालिन ने कहा कि मजबूत राजनयिक हस्तक्षेप की मांग करते हुए कई पत्र लिखने के बावजूद केंद्र इस मुद्दे पर उदासीन है।
श्री स्टालिन ने आज नयी दिल्ली में संसद परिसर में द्रमुक और तमिलनाडु के गठबंधन पार्टी के सांसदों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन का हवाला दिया, जिसमें श्रीलंकाई नौसेना द्वारा जब्त किए गए 97 तमिलनाडु के मछुआरों और 216 मछली पकड़ने वाली नौकाओं की तत्काल रिहाई की मांग की गई।
द्रमुक प्रमुख ने एक्स पर पोस्ट में कहा,“कड़े राजनयिक हस्तक्षेप का आग्रह करने वाले मेरे कई पत्रों के बावजूद, केंद्र सरकार उदासीन बनी हुई है जबकि श्रीलंकाई नौसेना लगातार हमारे मछुआरों को गिरफ्तार करती है और परेशान करती रहती है।”
उन्होंने कहा,“आज तमिलनाडु के द्रमुक सांसदों और सहयोगी दलों के सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और हमारे 97 मछुआरों और 216 जब्त नौकाओं की तत्काल रिहाई की मांग की।” उन्होंने कहा,“केंद्र सरकार को जागना चाहिए और हमारे मछुआरों की आजीविका की रक्षा के लिए एक स्थायी समाधान सुनिश्चित करना चाहिए!”