
झाबुआ। शहर के समीपस्थ श्री संकट मोचन महादेव तीर्थ स्थल देवझिरी में मां नर्मदा जयंती के उपलक्ष में विशेष कार्यक्रम हुए। दिनभर में शहर सहित जिलेभर से सैकड़ों भक्तों ने मां नर्मदाजी के कुंड में स्नान, दान आदि के साथ शिव-परिवार, भगवान श्री गणेश एवं हनुमानजी महाराज के दर्शन किए। संध्याकाल करीब 7 बजे नर्मदा नदी के कुंड में 15 फिट लंबी चुनरी अर्पण की गई। पूरे मंदिर एवं परिसर को दीपकों से जगमग किया गया। मंदिर परिसर में रात्रि में भजन संध्या बाद भंडारा (प्रसादी) का भी आयोजन हुआ। नर्मदा जयंती पर अलसुबह 6 बजे से ही देवझिरी तीर्थ स्थल पर भक्तों का मां नर्मदाजी के कुंड में स्नान, दान, पुण्य, दर्शन-पूजन आदि के लिए आना शुरू हो गया था, यह क्रम रात तक चला। शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रांे से भी सैकड़ों भक्त देवझिरी तीर्थ में अनवरत बह रहे मां नर्मदाजी कुंड में स्नान एवं पूजन हेतु पहुंचे। सर्वप्रथम कुंड में डूबकी लगाकर स्नान किया। बाद श्री संकट मोचन महादेवजी संग समस्त शिव-परिवार, प्रथम पूज्य श्री गणेशजी एवं विश्व मंगल हनुमानजी के दर्शन कर नारियल बदाकर चिरंजी, मिष्ठान, फल का प्रसाद चढ़ाकर ग्रहण किया। इस दिन दान-पुण्य आदि कार्य भी हुए।
15 फिट लंबी चुनरी ओढ़ाई
मां नर्मदाजी को ग्रामीण भक्तों ने संध्याकाल 15 फिट लंबी लाल चुनरी ओढ़ाई। इस दौरान सभी ने ‘हर-हर महादेव, हर-हर नर्मदे’ के सामूहिक जयघोष भी लगाए। बाद मां नर्मदा नदी के कुंड के साथ पूरे मंदिर एवं परिसर को दीपकों से सजाया। इस दौरान मंदिर की सेवक माता रूपादासजी के साथ मां नर्मदा सेवा समिति के विजय चौहान, चेतनसिंह सोलंकी, संजय डाबी, भावेश पांचकुड़े, गजेंद्रसिंह शक्तावत, जितेश, निलेश, अजित, धु्रवांश सहित रतनभाई, भूरजी अमिलयार एवं भगत समाज लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
भगवान का अभिषेक, श्रृंगार कर की आरती
रात्रि में ही श्री संकट मोचन महादेवजी का अभिषेक एवं श्रृंगार बाद शिवजी की आरती के साथ मां नर्मदा की भी विशेष आरती हुई। भगवान को हलवे, मिष्ठान, फल आदि का भोग लगाकर प्रसादी के रूप में वितरण किया गया। मंदिर परिसर में बैठकर भगत समाज द्वारा भजन संध्या का आयोजन हुआ। सभी ने सामूहिक भोजन प्रसादी भी ग्रहण की। इस दौरान पूरा वातावरण धर्ममय एवं भक्तिमय रहा।
7 झाबुआ-2- मां नर्मदाजी को 15 फिट लंबी चुनरी चढ़ाई
7 झाबुआ-3- मां नर्मदाजी के कुंड को दीपकों से सजाया
