रीवा-प्रयागराज हाइवे में लगा जाम
नवभारत न्यूज
रीवा/चाकघाट, 7 फरवरी, चाकघाट की सीमा से लगे महाकुंभ प्रयागराज मेले में जाने वाले तीर्थ यात्रियों के साथ प्रशासन कर रहा है भेदभाव. जिसके चलते अनेक तीर्थ यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. केंद्र सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महाकुंभ मेले का व्यापक प्रचार प्रसार करके हर सनातनी आम अवाम को कुंभ स्नान के लिए प्रभावित किया गया था. प्रयागराज में अनेकों बार लगे कुंभ मेला के इतिहास से सीख न लेते हुए वर्तमान व्यवस्था चौपाट ही नजर आ रही है.
व्यापक पैमाने पर शासन की सूचना तंत्र से मिलने वाली जानकारी के बावजूद भी प्रशासन की दूरदर्शिता पूरी तरह समाप्त होती दिख रही है. महाकुंभ मेले में जब संपूर्ण देश से लोगों का आना निश्चित था तब प्रशासन द्वारा ऐसी व्यवस्था नहीं बनाई गई की सभी तीर्थ यात्री गंगा क्षेत्र में पहुंचकर सुगमता पूर्ण स्नान कर सकें. आरोप है कि तीर्थराज प्रयाग में आने वाले तीर्थ यात्रियों के साथ प्रशासन द्वारा भारी भेदभाव किया जा रहा है. यातायात व्यवस्था के नाम पर जिन वाहनों में यूपी 70 नंबर रहता है उन वाहनों को सुगमता से प्रवेश मिल जाता है किंतु जो अन्य प्रान्त या पड़ोसी जिलों के नंबर वाले वाहन होते हैं उनके साथ प्रशासन की बेरहम देखने को मिलती है. वाहन पास होने के बावजूद भी अन्य प्रान्तों के नंबर देखकर ही वाहनों को प्रवेश से रोक दिया जाता है. जिला प्रशासन की एवं मेला प्रशासन की अदूरदर्शिता के चलते ही महाकुंभ अव्यवस्थाओं के दौर से गुजर रहा है. प्रयागराज क्षेत्र में जिस ढंग से वाहनों का आगमन हो रहा है उसे ढंग से वाहन पार्किंग की सुविधा पहले से सुनिश्चित नहीं की गई है. बाहरसे आने वाले तीर्थ यात्री अपने वाहन कहां खड़ी करके, कैसे गंगा स्नान करेंगे इसके बारे में पहले से ही कोई सार्थक योजना नहीं बनाई गई जिसके चलते 30 किलो मीटर से ज्यादा दूरी की पैदल यात्रा करने के लिए लोग मजबूर हो रहे हैं. मेला में रीवा रोड की ओर से जाने वाले मध्य प्रदेश गुजरात तमिलनाडु आंध्र प्रदेश आदि अनेक प्रांतो के वाहनों में सवार तीर्थ यात्रियों के वाहन को मेला क्षेत्र में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है. जबकि उत्तर प्रदेश यूपी 70 नंबर के वाहनों को बिना पास बिना किसी बाधा के नैनी पुल से शहर के भीतर आ जा सकते हैं. चाकघाट से प्रयागराज रोड पर नेशनल हाईवे 30 के 7- 8 घंटे तक जाम में फंसे लोगों को किसी भी तरह से राहत देने की प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है. गत 6 फरवरी से वाहनों का जाम इस कदर लग रहा कि उनकी कोई व्यवस्था प्रशासन द्वारा नहीं की गई. वाहनों में सवार महिलाएं बच्चे परेशान होते रहते हैं. न तो उनके लिए कोई पार्किंग व्यवस्था है और न ही बीच में कहीं कोई बुनियादी सहायता.