नयी दिल्ली, 06 फरवरी (वार्ता) वैश्विक एयरोस्पेस दिग्गज बोइंग ने कहा कि भारत और दक्षिण एशिया में आर्थिक विकास और बढ़ती हवाई यातायात मांग की बदौलत वाणिज्यिक हवाई जहाजों का बेड़ा वर्ष 2043 तक चार गुना तक बढ़ जाएगा।
बोइंग के नवीनतम वाणिज्यिक बाजार परिदृश्य (सीएमओ) के अनुसार, इस क्षेत्र में वर्ष 2043 तक हवाई यातायात सालाना सात प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ेगा। इसका मुख्य कारण निरंतर आर्थिक विस्तार, बेहतर कनेक्टिविटी और सरकार की उदारीकरण नीतियां होंगी, जो हवाई यात्रा को बढ़ावा देंगी।
बोइंग के पूर्वानुमान के अनुसार, भारत में घरेलू हवाई यातायात सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ने वाला खंड बना रहेगा। यह विस्तार विशेष रूप से कम लागत वाली एयरलाइनों के विस्तार और नेटवर्क विविधीकरण के कारण होगा, जो नए मार्गों और गंतव्यों को जोड़ने में सहायक होंगे।
बोइंग ने भविष्यवाणी की है कि सिंगल-ऑयल ईंधन-कुशल विमान 737 एमएएक्स आने वाले वर्षों में 10 में से नौ नए वाणिज्यिक जेट डिलीवरी के लिए जिम्मेदार होंगे। ये विमान छोटे और मध्यम दूरी के मार्गों के लिए एयरलाइनों को अधिक लचीलापन और लागत-कुशलता प्रदान करेंगे।
वाइडबॉडी विमानों की मांग भी चार गुना बढ़ने की उम्मीद है। एयरलाइंस 787 ड्रीमलाइनर और 777एक्स जैसे बड़े विमानों का उपयोग कर भारत से उत्तरी अमेरिका तक लंबी दूरी के मार्गों को और विकसित करेंगी। पिछले दशक में इस मार्ग की क्षमता दोगुनी हो चुकी है और भविष्य में इसमें और तेजी आएगी।
बेड़े के विस्तार के साथ-साथ विमानन उद्योग में पायलटों, केबिन क्रू और तकनीशियनों की मांग भी चौगुनी होकर एक लाख 29 हजार तक पहुंच जाएगी। यह वृद्धि वैश्विक स्तर पर सबसे तेज़ मानी जा रही है, जिससे भारत और दक्षिण एशिया विमानन क्षेत्र में प्रमुख प्लेयर बनेंगे। बोइंग के अनुसार, कार्गो विमानों की मांग भी तेजी से बढ़ेगी क्योंकि यह क्षेत्र वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, उन्नत विनिर्माण और ई-कॉमर्स के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
बोइंग के भारत और दक्षिण एशिया के वाणिज्यिक विपणन प्रबंध निदेशक अश्विन नायडू ने कहा, “भारत और दक्षिण एशिया दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते वाणिज्यिक विमानन बाजारों में से एक है। आने वाले वर्षों में अधिक लोग हवाई यात्रा करेंगे और क्षेत्र की एयरलाइंस को बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ईंधन-कुशल, आधुनिक बेड़े की जरूरत होगी।”