इंदौर से पटवारी या पटेल ?

सियासत

कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की सोमवार को बैठक संपन्न हुई. सूत्रों के अनुसार इसमें पांच राज्यों के साठ प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए गए हैं. इनमें 15 नाम मध्य प्रदेश के भी हैं. प्रत्याशियों का ऐलान मंगलवार को सुबह किया जाएगा. सूत्रों का कहना है की पहली सूची में इंदौर का नाम हो सकता है. इंदौर से जीतू पटवारी या सत्यनारायण पटेल को प्रत्याशी बनाया जा सकता है. यह पता चला है कि जीतू पटवारी ने खुद सत्यनारायण पटेल से टेलीफोन पर बातचीत करके उनसे चुनाव लड़ने की अपील की और सहमति लेने की कोशिश की. सूत्रों का यह भी कहना है कि सत्यनारायण पटेल चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. देपालपुर और क्षेत्र क्रमांक 5 से विधायक रहे सत्यनारायण पटेल दो विधानसभा और दो लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। वो इंदौर जिला पंचायत के अध्यक्ष भी रहे हैं.

इधर कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि जिस तरह से राहुल गांधी ने प्रदेश के बड़े नेताओं से चुनाव लड़ने के लिए कहा है उसे ऐसा लगता है कि जीतू पटवारी को इंदौर से उतारा जा सकता है. जीतू पटवारी के भाई भारत पटवारी ने इस संबंध में मैदानी तैयारियां प्रारंभ कर दी है. सूत्रों का कहना है भोपाल की छानबीन समिति की बैठक में जीतू पटवारी के लिए दो सीटों की चर्चा भी बैठक में आई. पहली मंदसौर, दूसरी इंदौर. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस का एक धड़ा (वरिष्ठ नेता और कमलनाथ के करीबी ) चाहते हैं कि पटवारी को भी चुनाव लड़ना चाहिए. ऐसे में पटवारी ही एक बड़ा चेहरा दिखते हैं.

इंदौर में पटवारी को उसी सूरत में मैदान में उतारा जाएगा जब भाजपा इस सीट से कोई एकदम नया चेहरा लाती है. इंदौर भाजपा का पिछले दस चुनाव से गढ़ बना हुआ है. ऐसे में यदि बीजेपी कोई प्रयोग करेगी तो कांग्रेस इस बार पूरी ताकत से लड़ने की कोशिश में रहेगी ऐसे में जीतू पटवारी को मैदान में आना पड़ सकता है. दूसरी सीट मंदसौर से भी पटवारी के नाम की चर्चा है. इस पूरे इलाके में पटवारी अच्छी पहचान रखते हैं. किसान आंदोलन के बाद से ही वे लगातार इस इलाके में सक्रिय रहे हैं. किसान और जातिगत दोनों समीकरण से पार्टी इस सीट पर उनके नाम पर विचार कर रही है. मंदसौर में मिनाक्षी नटराजन कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीती थीं. इसके बाद कोई बड़ा चेहरा यहां से नहीं लड़ा है. पटवारी के अध्यक्ष बनने के बाद सबसे बड़ी रैली और स्वागत भी उनका इसी इलाके में हुआ था.

किसान आंदोलन के दौरान वे राहुल गांधी के साथ इस पूरे इलाके में आये थे. इसके बाद घर-घर उनका चेहरा जाना पहचाना है. हालांकि पटवारी खुद चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं. उनके पास पूरे संगठन की जिम्मेदारी है, ऐसे में वे किसी एक सीट पर बंधना नहीं चाहते. पर पटवारी के ही बयान कि कोई चुनाव लड़ने से मना करेगा तो ये अनुशासनहीनता मानी जायेगी. पार्टी का जिसको आदेश होगा. उसको लड़ना पड़ेगा. इसी बयान के आधार पर दूसरे खेमे के नेता पटवारी को आगे कर रहे हैं. इंदौर से भी बड़े नेताओं की यही राय पार्टी को भेजी गई है. जीतू पटवारी और सत्यनारायण पटेल के अलावा अक्षय कांति बम, स्वप्निल कोठारी और अरविंद बागड़ी के भी नाम चर्चा में हैं.

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