
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महाकुंभ हर 12 साल में आता है, लेकिन उनके लिए बजट के आंकड़ों से ज्यादा महत्वपूर्ण महाकुंभ में मची भगदड़ में मारे गए लोगों का डेटा है. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अब तक यह बताने में असमर्थ है कि कितने लोग मारे गए, लापता हुए या घायल हुए. उन्होंने सरकार द्वारा जारी मृत्यु संख्या को झूठा करार देते हुए सवाल किया कि आखिर क्या व्यवस्था की गई थी. अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार खुद को हिंदुओं की पार्टी कहती है, लेकिन हिंदुओं के सबसे बड़े पर्व के लिए उचित प्रबंध नहीं कर पाई. उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए पूछा कि क्या यही “विकसित भारत” की परिभाषा है, जहां लोग भगदड़ में मारे जाते हैं?
