छह लेन के सेगमेंट डाल कर बनाया जा रहा पुल
इंदौर: इंदौर-उज्जैन रोड पर भौंरासला लवकुश चौराहे पर आईडीए आधुनिक तकनीक से ब्रिज बना रहा है. इसमें गर्डर पर सीधे मेट्रो के समान सेगमेंट डाले जा रहे है. सेगमेंट डालने के बाद डामरीकरण हो जाएगा. साथ ही काम जल्दी और समय पर पूरा होने में सहायता मिलेगी.आईडीए बाणगंगा से उज्जैन जाने के लिए डेढ़ किलोमीटर लंबा डबल डेकर ब्रिज बना रहा है. यह इंदौर का पहला डबल डेकर ब्रिज है.
उक्त पुल में मैट्रो की तर्ज पर गर्डर पर सेगमेंट डालने का काम किया जा रहा है. एक पिलर पर सेगमेंट डालने का काम हो चुका है. बताया जाता है कि एक किलोमीटर लंबे स्पॉन में सेगमेंट डाले जाएंगे. बाकी 485 मीटर लंबे दोनों तरफ पुल के सिरे जुड़ेंगे. उक्त ब्रिज की विशेषता यह है कि इस डबल डेकर की ऊंचाई मैट्रो रेल से भी 7 मीटर ऊंचा है. कुल ऊंचाई 23 मीटर यानी करीब 75 फीट है. इस ब्रिज में 40 – 40 मीटर के दो और 60 मीटर का स्टील गर्डर स्पॉन है. मैट्रो में 9 मीटर के सिंगमेंट लगते है, लेकिन डबल डेकर ब्रिज में 27 मीटर चौड़े सेगमेन्ट लग रहा है. यह सिक्स लेन चौड़ा होगा.
समय पर काम होने के साथ मजूबत भी
आईडीए ने इस तकनीक का उपयोग इसलिए किया कि आधुनिक तकनीक के साथ जल्दी और समय सीमा पर काम करने के साथ मजबूत भी है. इस तकनीक में सेगमेंट पर सीधे डामरीकरण होगा और साइड की रेलिंग खड़ी हो जाएगी. उक्त ब्रिज 2025 दिसंबर तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. इस ब्रिज को अहमदाबाद की वीएमसी कंपनी बना रही है. इसकी लागत 148 करोड़ रुपए है. सिंहस्थ के पहले यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा और ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम बनाने में सहायक होगा.