जबलपुर: जमीन अधिग्रहण करने के बाद प्रशासन द्वारा मुआवजा किसी अन्य व्यक्ति को प्रदान किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई के दौरान जिला कलेक्टर ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर हाईकोर्ट में प्रस्तुत हलफनामा में बताया कि संबंधित व्यक्ति से तीस दिनों में मुआवजा की राशि वसूल की जायेगी। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने याचिका पर अगली सुनवाई 28 फरवरी को निर्धारित की है।
सिंगरौली के ग्राम छीवा निवासी चित्रसेन उर्फ शास्त्री द्विवेदी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि उसकी जमीन का अधिग्रहण ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन परियोजना के तहत किया गया था। जमीन का अधिग्रहण करने के बाद मुआवजा राशि उसे प्रदान नहीं की गयी। मुआवजा की राशि दुर्गा प्रसाद द्विवेदी को दी गयी है। याचिका की सुनवाई के दौरान जवाब पेश नहीं करने पर हाईकोर्ट ने विगत 8 जनवरी को पांच हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी।
याचिका पर विगत 20 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान पेश किये गये जवाब में कहा गया था कि याचिकाकर्ता के कहने पर ही मुआवजा राशि दुर्गा प्रसाद द्विवेदी को प्रदान की गयी थी। दोनों के बीच जमीन को बेचने का एग्रीमेंट हुआ था। एकलपीठ ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि किस कानून के तहत दूसरे व्यक्ति को मुआवजा की राशि प्रदान की गयी है। एकलपीठ ने एफआईआर दर्ज करवाने की चेतावनी देते हुए जिला कलेक्टर को व्यक्तिगत रूप से हलफनामा में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किये थे। जिला कलेक्टर ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर पेश किये हलफनामा में गलती को स्वीकार करते हुए बताया कि तीस दिनों मुआवजा की राशि दुर्गा प्रसाद द्विवेदी से वसूल कर ली जायेगी। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता लवकुश मिश्रा ने पैरवी की।