भिण्ड, 24 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के गोहद में जलावर्धन योजना के तहत खुदाई के दौरान मजदूरों को एक मिट्टी की मटकी में 113 चांदी के सिक्के मिले, जिनके मुगलकालीन होने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार गोहद के वार्ड क्रमांक 11 में जलावर्धन योजना के तहत पाइपलाइन बिछाने के लिए कल खुदाई का कार्य चल रहा था। मजदूर जब खुदाई कर रहे थे, तभी फावड़े से एक मिट्टी की मटकी टकराई। जब उन्होंने मटकी को बाहर निकाल कर खोला, तो उसमें 113 चमचमाते चांदी के सिक्के मिले। मटकी से सिक्के मिलने की नगर में फैल गई और देखते ही देखते मौके पर भीड़इकट्ठा हो गई। इसी बीच स्थानीय निवासी रामकुमार गुर्जर सिक्कों से भरी मटकी लेकर अपने घर भाग गया।
कालियाकंथ मंदिर के पास सिक्के मिलने की घटना सामने आने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर जेसीबी को बुलवाया। इसके बाद कल देर शाम के समय यहां पर खुदाई कराई गई। हालांकि अंधेरा होने के कारण ज्यादा समय तक खुदाई का कार्य नहीं हो सका। मौके पर पुरातत्व अधिकारियों को बुलाया गया। इनके द्वारा अब इलाके में जांच की जाएगी।
घटना की सूचना मिलते ही भिण्ड जिले के गोहद थाना प्रभारी मनीश धाकड़ अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने
मजदूरों और ठेकेदार से पूछताछ की और फिर रामकुमार गुर्जर के घर से सिक्कों से भरी मटकी बरामद कर ली। पुलिस ने इन सिक्कों को जब्त कर सरकारी ट्रेजरी में रखवा दिया है।
इस मामले की जानकारी पुरातत्व विभाग को भेज दी गई है। पुरातत्व विभाग की टीम जल्द ही सिक्कों का परीक्षण करेगी और यह पता लगाएगी कि वे कितने पुराने हैं और उनका ऐतिहासिक महत्व क्या है।
भिण्ड जिले के गोहद नगर का ऐतिहासिक महत्व रहा है। यहां का किला 15वीं शताब्दी में जाट राजा सिंह देव द्वारा बनवाया गया था। इतिहासकारों का मानना है कि यह खजाना संभवतः उसी कालखंड का हो सकता है।
सिक्कों पर फारसी और उर्दू में अंकित शब्दों को स्थानीय काजी ने पढ़कर बताया कि उन पर मोहम्मद शाह और आलमगीर लिखा है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ये सिक्के मुगलकालीन हो सकते हैं।