अमर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर यादव ने किया माल्यार्पण

उज्जैन, 22 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज उज्जैन की सिंधी कॉलोनी स्थित क्रांतिकारी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
डॉ.यादव ने अवसर पर कहा कि आज अमर शहीद हेमू कालाणी का बलिदान दिवस है। उन्होंने मात्र 19 वर्ष की उम्र में स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हेमू कालाणी सहित अन्य क्रांतिकारियों के अथक प्रयासों से लगभग एक हजार साल का गुलामी का काल खत्म हुआ। हर शताब्दी में भारत माता की गोद में विदेशी आक्रंताओं से लड़ने वाले वीर शहीदों ने जन्म लेकर भारतीय संस्कृति की रक्षा कर जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी को चरितार्थ किया है। अंग्रेजी आक्रंताओं ने भारत से धन लूटा। हमारे अमर शहीदों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर अंग्रेजों को देश से भगाकर इस लूट को रोका था।
डॉ. यादव ने कहा कि पृथ्वीराज चौहान (1192) से 1947 तक हमारे देश का इतिहास निरंतर वीर शहीदों और शूरवीरों से सुसज्जित रहा है। महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, गोंड साम्राज्य, बाजीराव पेशवा, सिंधिया साम्राज्य, होलकर साम्राज्य सहित अन्य साम्राज्यों ने विदेशी आक्रंताओं से निरंतर लड़ाई लड़ी। मुगल और अन्य विदेशी आक्रमणकारियों ने हमारे मंदिरों एवं संस्कृति पर निरंतर आक्रमण किए। हमने अपने बाहुबल से इन घटनाओं का समयोचित तरीके से उत्तर सनातन संस्कृति तथा श्री चिंतामण गणेश, बड़ा गणपति महाराज, श्री कालभैरव, श्री मंगलनाथ महाराज और श्री सिद्धनाथ महाराज देवस्थानों को पुनर्स्थापित कर दिया।
डॉ.यादव ने कहा कि श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस न पहुंचे इसके लिए उज्जैन सहित प्रदेश के अन्य धार्मिक नगरों में जल्द ही पूर्ण शराब बंदी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संपूर्ण ध्यान धार्मिक, प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन को प्रदेश में बढ़ावा देने पर है। इससे प्रदेशवासियों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और प्रदेश का चहुँमुखी विकास होगा।
हेमू कालाणी एक ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। सिंध के सुक्कुर में जन्मे हेमू कालाणी ने बहुत कम उम्र में ही देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत होकर अंग्रेजी शासन के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने बचपन से ही विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का आग्रह लोगों से किया। वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। हेमू कालाणी और उनके साथियों ने अंग्रेजी सेना के खिलाफ कई साहसिक कार्य किए। उन्होंने हथियारों से भरी रेलगाड़ी को पटरी से उतारने की योजना बनाई। इस पर अंग्रेजी सरकार ने हेमू कालाणी को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई।
इस दौरान विधायक अनिल जैन कालूहेडा, महापौर मुकेश टटवाल, सभापति श्रीमती कलावती यादव सहित जन-प्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित थे।

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