
नयी दिल्ली, 21 जनवरी, (वार्ता) कांग्रेस के पूर्व सांसद डॉ. उदित राज ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के दलित और बाल्मीकि समाज का विरोधी करार दिया।
डॉ. उदित राज ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “श्री केजरीवाल का दलित विरोधी रवैया और चेहरा दिल्ली वालों के सामने पूरी तरह उजागर हुआ है। मैं दिल्ली के बौद्ध भिक्षुओं, गुरु रविदास और वाल्मीकि मंदिरों के पुजारियों के साथ उनके आवास पर मंदिरों के पुजारी और गुरुद्वारों के ग्रंथियों की तरह 18,000 रुपये की सम्मान राशि देने की मांग को लेकर गया था, लेकिन घर पर होने के बावजूद भी श्री केजरीवाल उनसे मिलना तो दूर पुलिस को बुलाकर बौद्ध भिक्षुओ, दलित पुजारियों सहित उन्हें गिरफ्तार करके मंदिर मार्ग थाना में हिरासत में रखा गया।”
डॉ. उदित राज ने कहा कि आप को सबसे बड़ी ताकत दलित और वाल्मीकि समाज से ही मिली, लेकिन उन्होंने इस समाज को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि 2014 में श्री केजरीवाल ने कहा था कि सफाई कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा, ठेकेदारी प्रथा खत्म कर देंगे, लेकिन सफाई कर्मचारियों को पक्का करने से साफ मुकर गए। श्री केजरीवाल 10 साल में सिर्फ 429 नौकरी दे पाए और सारा सिस्टम आउटसोर्स करते गए, नई नौकरियां सृजन करने की जगह दिल्ली सरकार के विभागों में निजीकरण कर दिया गया। इतना ही नही आम आदमी पार्टी ने आरक्षण को ख़त्म करने और उसे कमजोर करने का काम किया।
डॉ. उदित राज ने कहा, “उन्होंने (डॉ. उदित राज) श्री केजरीवाल से वरिष्ठ नागरिकों की पवित्र स्थानों के लिए तीर्थयात्रा योजना तक दलित समुदाय के वरिष्ठ नागरिकों की पहुंच बढ़ाने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने कभी भी उनके सुझाव पर ध्यान नहीं दिया।” उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल केवल वोट बैंक की राजनीति करने के लिए दलितों के लिए घड़ियाली आंसू बहाते हैं, लेकिन उन्हें दलितों की दुर्दशा की कोई चिंता नहीं है।
डॉ. उदित राज ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, दिल्लीवासियों के जीवन की रक्षा करते हुए 57 दलित सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी पर मृत्यु हो गई, जिनमें मेन्युअल सीवर सफाई करते वक्त मृत्यु होने वाले सफाई कर्मचारी भी शामिल थे। श्री केजरवाल ने कोविड के दौरान मरने वालों 01 करोड़ रुपये मुआवजे का भुगतान करने की घोषणा की थी, लेकिन इन्हें (दलित समाज के लोगों को) आज तक कुछ भी नही मिला।